चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का आधा हिस्सा बीतने के बावजूद, लखनऊ नगर निगम केवल 280 करोड़ रुपये का गृहकर वसूल कर पाया है। अभी भी निगम को अपने वार्षिक लक्ष्य से 341 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। निगम के अनुसार, सबसे अधिक बकाया राशि कॉमर्शियल बिल्डिंग्स और सरकारी विभागों पर है।
नगर निगम 40 हजार बड़े बकायेदारों से 300 करोड़ वसूलने को उठाएगा सख्त कदम : दिवाली के बाद सीलिंग-कुर्की की तैयारी
Oct 17, 2024 10:21
Oct 17, 2024 10:21
वर्तमान वित्तीय स्थिति और वसूली का लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का आधा हिस्सा बीतने के बावजूद, लखनऊ नगर निगम केवल 280 करोड़ रुपये का गृहकर वसूल कर पाया है। अभी भी निगम को अपने वार्षिक लक्ष्य से 341 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। निगम के अनुसार, सबसे अधिक बकाया राशि कॉमर्शियल बिल्डिंग्स और सरकारी विभागों पर है।
बड़े सरकारी विभागों पर भी बकाया
नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, शहर में कुल 6.50 लाख भवन गृहकर के अंतर्गत आते हैं, जिनमें से 85 हजार व्यावसायिक और 15 हजार सरकारी भवन हैं। मंडल रेलवे प्रबंधक कार्यालय, चारबाग रेलवे स्टेशन और लोको वर्कशॉप सहित रेलवे के 200 से अधिक भवनों पर करीब 200 करोड़ रुपये का बकाया है। निगम का कहना है कि केंद्र सरकार के विभाग होने के कारण इन्हें सील करना मुमकिन नहीं है। निगम ने रेलवे अधिकारियों और रेल मंत्रालय को कई बार पत्र भेजकर वसूली की कोशिश की है।
नोटिस जारी करने की रणनीति
नगर निगम ने बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए एक सख्त कार्ययोजना बनाई है। निगम पहले बकायेदारों को बिल जारी करेगा। फिर सप्ताह बाद डिमांड नोटिस भेजेगा। इसके बाद इस जानकारी को अखबारों में प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें बकायेदारों को 15 दिनों का अंतिम मौका दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी बकाया जमा नहीं किया गया, तो नगर निगम संपत्ति की सीलिंग, कुर्की और अंत में नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगा।
दीपावली के बाद शुरू होगी सख्त कार्रवाई
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि दीपावली के बाद बकायेदारों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। निगम के पास बकायेदारों की विस्तृत सूची है और इन्हें लक्ष्य बनाकर अभियान चलाया जाएगा ताकि वर्ष के अंत तक निगम वसूली का अपना लक्ष्य हासिल कर सके।
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