Lucknow News : नगर निगम ने खाली करायी 50 करोड़ की सरकारी जमीन

नगर निगम ने खाली करायी 50 करोड़ की सरकारी जमीन
UPT | Lucknow Municipal Corporation

Sep 25, 2024 22:25

नगर निगम ने बुधवार को हरिहरपुर गांव में अवैध अतिक्रमण को समाप्त करते हुए लगभग 50 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को मुक्त कराया।

Sep 25, 2024 22:25

Lucknow News :  नगर निगम के दस्ते ने बुधवार को हरिहरपुर गांव में अवैध अतिक्रमण को समाप्त करते हुए लगभग 50 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को मुक्त कराया। इस कार्रवाई के तहत गाटा संख्या 636 और अन्य का संयुक्त सीमांकन कराया गया, जिसके बाद अवैध कब्जे को नगर निगम के तहसीलदार श्री अरविन्द पाण्डेय और नायब तहसीलदार श्री नीरज कटियार की मौजूदगी में ध्वस्त किया गया।

प्रापर्टी डीलरों ने किया अवैध कब्जा 
गाटा संख्या 636 में स्थित यह सरकारी भूमि बेशकीमती है, जो अंसल में स्थित लुलु मॉल के विपरीत दिशा में शहीद पथ की सर्विस लेन के निकट स्थित है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, प्रापर्टी डीलरों द्वारा इस भूमि पर अवैध कब्जा करने के प्रयास किए जा रहे थे। ग्रामवासियों ने जानकारी दी कि एक प्रापर्टी डीलर ने गाटा संख्या 636 में ऊसर खाते की भूमि का विनिमय कराकर 0.521 हेक्टेयर भूमि प्राप्त की थी, लेकिन उसने उससे कहीं अधिक क्षेत्रफल में नगर निगम की भूमि पर कब्जा कर लिया था।



भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराया गया
इस अभियान के दौरान गाटा संख्या 636, 234, 221, और 632 से कुल 1,59,003 वर्ग फुट नगर निगम की भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराया गया, जिसकी बाजारू कीमत 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। नगर निगम की इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों में खुशी का माहौल है, जिन्होंने अवैध कब्जों के खिलाफ इस कदम की सराहना की है। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे सघन अभियान को आगे भी जारी रखेगा, ताकि सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और अवैध कब्जों पर नियंत्रण पाया जा सके।

Also Read

विधवा बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति का हक, विवाह या वैवाहिक स्थिति बाधा नहीं

23 Nov 2024 09:34 AM

लखनऊ हाईकोर्ट का अहम फैसला : विधवा बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति का हक, विवाह या वैवाहिक स्थिति बाधा नहीं

हाईकोर्ट ने बीएसएनएल को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता की अनुकंपा नियुक्ति की अर्जी पर दो महीने के भीतर विचार करे। कोर्ट ने कहा कि महज वैवाहिक स्थिति के आधार पर उसकी अर्जी खारिज करना अनुचित है। और पढ़ें