एटीएस की पड़ताल में सामने आया कि शाहनवाज और आकिब अहमद मलिक ने देवबंद के हॉस्टल नाज मंजिल में किराए पर कमरा लिया था। उन्होंने तब मकान मालिक को बताया कि वह पढ़ने के लिए यहां आए हैं। लेकिन हकीकत सामने आई तो पता चला कि दोनों पढ़ने के बजाय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में युवकों को भर्ती करने के प्रयास में लग गए।
NIA ATS Court Lucknow : दो आतंकियों को सात साल की सजा, 30 हजार का जुर्माना, जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर युवाओं को बनाया निशाना
Nov 26, 2024 20:46
Nov 26, 2024 20:46
2019 में हुई थी गिरफ्तारी
यूपी एटीएस ने साल 2019 में सहारनपुर जनपद में से जैश के दो आतंकी गिरफ्तार किए तो इनकी पहचान शाहनवाज अहमद तेली और आकिब मलिक के तौर पर हुए। दोनों के पास से एक-एक पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए गए । इनके मोबाइल फोन से जिहादी चैट, वीडियो और कुछ तस्वीरें भी मिलीं। एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि शहनवाज कुलगम और आकिब पुलवामा का निवासी है। इनमें शाहनवाज ग्रेनेड बनान का एक्सपर्ट बताया गया। एटीएस ने इनके बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस से भी जानकारी की।
पढ़ने के बजाय जैश-ए-मोहम्मद में युवकों को करने लगे भर्ती
एटीएस की पड़ताल में सामने आया कि शाहनवाज और आकिब अहमद मलिक ने देवबंद के हॉस्टल नाज मंजिल में किराए पर कमरा लिया था। उन्होंने तब मकान मालिक को बताया कि वह पढ़ने के लिए यहां आए हैं। लेकिन हकीकत सामने आई तो पता चला कि दोनों पढ़ने के बजाय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में युवकों को भर्ती करने के प्रयास में लग गए। शाहनवाज और आकिब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए भारत में फंडिंग जुटाने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में धकेलने का काम कर रहे थे। उन्होंने सोशल मीडिया और व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल करने की साजिश रची।शाहनवाज की निशानदेही पर देवबंद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ समेत कई जनपदों में भी एटीएस ने छापेमारी की थी।
अजहर मसूद से सीधे संपर्क में था शाहनवाज
एटीएस की जांच में सामने आया कि शाहनवाज जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद से सीधे संपर्क में था। उसकी अजहर मसूद से लगातार बात भी होती थी। शाहनवाज को पश्चिमी यूपी में संगठन की कमान सौंपी गई थी। शाहनवाज तेली आतंकी सरगना अजहर मसूद के सीधे संपर्क में था। ये भी सामने आया कि विशेष मोबाइल एप से उनकी बात भी होती थी। सरगना एक इशारे पर ही हर रणनीति तय होती थी, जिसके बाद उसे अंजाम दिया जाता था। शाहनवाज के मोबाइल फोन से अजहर मसूद के जेहादी भाषणों की वीडियो क्लीपिंग भी मिल थी, जिनके आधार पर सामने आया कि वह मदरसा छात्रों को आतंकी बनने के लिए तैयार कर रहा था।
आरोप पत्र में मिले मजबूत सबूत
यूपी एटीएस ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। जांच में यह साबित हुआ कि दोनों आतंकियों का मकसद भारत में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करना और हथियारों की सप्लाई करना था। मंगलवार को विशेष एनआईए-एटीएस कोर्ट के न्यायाधीश ने इन आतंकियों को दोषी करार दिया।
आतंकी हमले की रच रहे थे साजिश
एटीएस के मुताबिक इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। इन हथियारों का इस्तेमाल भारत में एक बड़े आतंकी हमले के लिए किया जाना था। यह बरामदगी आतंकियों के नापाक इरादों का पुख्ता सबूत थी।
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