आजमगढ़ में साइबर ठगी का पर्दाफाश : ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगे 190 करोड़, ऐसे तलाशते थे कस्टमर

ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगे 190 करोड़, ऐसे तलाशते थे कस्टमर
UPT | पुलिस गिरफ्त में अभियुक्त।

Nov 26, 2024 23:13

आजमगढ़ पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगता था। इस गैंग के लोग इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लोगों...

Nov 26, 2024 23:13

Azamgarh News : आजमगढ़ पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगता था। इस गैंग के लोग इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। कस्टमर को लालच देते थे कि जुआ खेलकर रुपए तुरंत दो से तीन गुना किए जा सके हैं। ये लोग REDDY, ANNA, LOTUS और MAHADEV जैसे बेटिंग एप से ऑनलाइन जुआ खिलाते थे।



 12 राज्यों में फैला रखा है नेटवर्क
यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश समेत 12 राज्यों में इन्होंने नेटवर्क फैला रखा था। गैंग चलाने के लिए ठगों ने कोचिंग के नाम पर किराए पर एक कमरा लिया था। वहीं से पूरा नेटवर्क ऑपरेट करते थे। इन बदमाशों ने अब तक 190 करोड़ की ठगी की है। मंगलवार को पुलिस उसी कमरे पर पहुंची और 11 बदमाशों को पकड़ लिया। उनके पास से 169 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें करीब दो करोड़ रुपए जमा हैं। सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है।

क्या बोले एसपी हेमराज मीणा
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि आजमगढ़ पुलिस को कुछ दिन से ऑनलाइन जुआ खिलाने के नाम पर ठगी करने की शिकायतें मिल रही थीं। छानबीन करने पर पता चला कि जिले में ऑनलाइन जुआ खिलाने की दो यूनिट अप्रैल, 2024 से चल रही हैं। इन दोनों यूनिट में कुल 13 साइबर ठग काम कर रहे हैं। आजमगढ़ में इस नेटवर्क का सरगना राम सिंह है, जो महराजगंज जिले का रहने वाला है।

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पिछले तीन साल से करता था ठगने का धंधा
यह गैंग जुआ खिलाने के लिए लोगों को इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, मेटा और टेलीग्राम चैनलों पर लिंक शेयर करता था। इसमें जो लोग फंस जाते थे, उनसे फीस लेकर उनकी लॉगिन आईडी और पासवर्ड जनरेट कर देते थे। खाते की डिटेल वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों को देते थे। जुआ खेलने वालों के खाते की डिटेल मिल जाने पर उनका सारा पैसा फर्जी खातों और फर्जी मोबाइल नंबरों के जरिए ट्रांसफर कर लेते थे। ठगी करने के बाद गैंग के लोग अपने ग्राहकों की लॉगिन आईडी को ब्लॉक कर देते थे। पूछताछ में पता चला कि यह गैंग पिछले तीन साल से लोगों को ठगने का धंधा कर रहा था। गैंग वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए देश-विदेश में लोगों से संपर्क करता था।

पैसा दोगुना-चार गुना करने का लालच 
पुलिस अधीक्षक ने बताया, गैंग के सदस्य लोगों से बात करके उनके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजते थे। बाद में उनसे ओटीपी शेयर करने को बोलते थे। ओटीपी शेयर करते ही उनकी डिटेल ठगों के पास आ जाती थी। जिससे वे उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे। इसके अलावा ठग सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर स्टोरी भी लगाते थे। जो लोग उनकी स्टोरी देखते थे, उनसे ठग चैटिंग करते थे। इस दौरान लोगों को पैसा दोगुना-चार गुना करने का लालच दिया जाता था।

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अलग-अलग राज्यों में 71 मुकदमे दर्ज
इस गैंग के सदस्य केवल भारत के लोगों के ही नहीं, बल्कि श्रीलंका और यूएई के लोगों के नंबर भी वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ रखे थे। जहां से ठगी के पैसों का लेन-देन करते थे। पकड़े गए आरोपियों में उत्तर प्रदेश के महराजगंज का रहने वाला राम सिंह, मिर्जापुर का संदीप यादव, उड़ीसा का विशालदीप सिंह, बिहार का अजय कुमार पाल, वाराणसी के लालगंज और आकाश यादव, मध्य प्रदेश का पंकज कुमार, मिर्जापुर का विशाल यादव, बिहार का आनंदी कुमार यादव, और आजमगढ़ का रहने वाला मिर्जा उमर बेग उर्फ उमर मिर्जा शामिल हैं। इन ठगों पर अलग-अलग राज्यों में 71 मुकदमे दर्ज हैं। एक राज्य की पुलिस ने दूसरे राज्य की पुलिस से इनपुट शेयर किया था। इसके साथ ही आजमगढ़ में ठगी का नेटवर्क चलने के इनपुट भी मिले थे। इस तरह से पुलिस ठगों तक पहुंच पाई और कुल 190 करोड़ की ठगी करने की बात सामने आई।

 51 मोबाइल फोन और 6 लैपटॉप बरामद
एसपी हेमराज मीणा के मुताबिक, आरोपियों के 169 बैंक खातों में दो करोड़ से ज्यादा रुपए फ्रीज कराए गए हैं। इसके साथ ही 35 लाख रुपए का सामान भी बरामद हुआ है। इनमें तीन लाख 40 हजार कैश, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिमकार्ड, 7 चेकबुक, तीन आधार कार्ड और एक जियो फाइबर का डोंगल बरामद किया गया है। इस तरह से पुलिस ठगों तक पहुंच पाई और कुल 190 करोड़ की ठगी करने की बात सामने आई। 

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