यूपी में 6.28 लाख में महज 2.75 प्रतिशत चेक मीटर : निजी घरानों की मनमानी पर UPPCL खामोश, खानापूर्ति कर निपटा दी बैठक

निजी घरानों की मनमानी पर UPPCL खामोश, खानापूर्ति कर निपटा दी बैठक
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Jan 06, 2025 20:26

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जो स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे हैं, अभी वह कानून पूरी तरह पास नहीं हैं। इसलिए अविलंब पावर कारपोरेशन को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगा जरूरी है।

Jan 06, 2025 20:26

Lucknow News : प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगानी वाली निजी कंपनियां भारत सरकार की गाइडलाइन और नियमों को ताक में रखकर आवश्यक टेस्ट पास किए धड़ल्ले से जुटे हैं। उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से जारी है और यह संख्या देखते ही देखते छह लाख के पार हो गई है। हैरानी वाली बात है कि ये स्मार्ट मीटर बिना तकनीकी जांच किए घरों में लगाए जा रहे हैं। ऐसे में जहां उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, वहीं ये कंपनियां मालामाल हो रही हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कहने को इन मीटर कंपनियों के साथ बैठक तो की। लेकिन, अधिकारियों ने कार्रवाई करना दूर सवाल करना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

यूपी में अब तक लगाए गए 6.28 लाख स्मार्ट मीटर
प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों में 628799 स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ताओं के घर में लगा दिए गए हैं। राज्य में जीएमआर, इंटेली-स्मार्ट, पोलारिस, जीनस प्राइवेट कंपनी स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर रही हैं। हैरानी वाली बात है कि आज तक मीटर लगाने वाली किसी भी कंपनी ने पूरी तरह फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (FIIT) सहित साइड एक्सेप्टेंस टेस्ट (SAT) पास नहीं किया है। इसमें बड़े पैमाने पर कमियां सामने आई हैं। अहम बात है भी है ये स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड में लगाए जाने हैं। लेकिन, इन्हें पोस्टपेड मीटर के तौर पर लगा दिया गया है। वहीं स्मार्ट मीटर को चेक मीटर के रूप में परिवर्तित कर तीन महीने तक मीटर रीडिंग का मिलान जरूरी है। हैरानी वाली बात है कि आज तक इसका मिलान नहीं कराया गया है। इस पूरे मुद्दे पर अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।



आधी अधूरी जांच के बाद पूरा पेमेंट लेने की कोशिश
पावर कारपोरेशन मीटर लगाने पर रोक न लगाकर उनकी कमियों को एक तरफ सही करवा रहा है और दूसरी तरफ बिना हार्डवेयर सॉफ्टवेयर साइबर सिक्योरिटी टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। आरोप है कि मीटर लगाने वाली कंपनियां भारत सरकार में कुछ उच्च अधिकारियों के साथ-साठ गांठ करके जल्द से जल्द आधी अधूरी जांच पूरी कराकर पेमेंट लेना चाहती हैं। बिजली कंपनियों ने कुल लगे स्मार्ट मीटर में निर्धारित 5 प्रतिशत चेक मीटर के नियमों का भी पालन नहीं किया है। वह भारत सरकार की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन कर रही हैं। इसके बावजूद उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इसे लेकर अब समीक्षा बैठक में भी उन पर कठोर कार्रवाई नहीं किया। उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि वास्तव में ये समीक्षा बैठक केवल औपचारिकता करने के लिए की जाती है। यूपीपीसीएल प्रबंधन इस पर ध्यान दे। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त के योग्य नहीं है।

डिस्कॉम                    स्थापित किए गए मीटर          चेक मीटर      स्थापित प्रतिशत
पूर्वांचल                      248662                              5078               2.04
मध्यांचल                    117753                               4003              3.40
पक्षिमांचल                 114095                               4639               4.07
दक्षिणांचल केस्को       148289                               3576               2.41
कुल                         628799                              17296              2.75
   
दबाव डालकर गो लाइव कराने की कोशिश
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश के स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों की सोमवार को अवकाश के दिन बैठक पावर कारपोरेशन में की गई। इस बीच सभी मीटर निर्माता कंपनियों की टेस्टिंग में जो खुलासा हुआ है, उसमें बड़े पैमाने पर कमियां सामने आ रही हैं। सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि सबसे पहले मीटर निर्माता कंपनियों को एफआईआईटी टेस्ट पास करना होता है इसके बाद एसएटी टेस्ट होता है। लेकिन, कुछ कंपनियों ने मनमानी करते हुए दोनों टेस्ट एक साथ शुरू कर दिए हैं। अब जब उसमें बड़े पैमाने पर कमियां सामने आ रही हैं, तो वह दबाव डालकर गो लाइव कराने की कोशिश करने में जुटी हैं।

कानून पास नहीं हैं उपभोक्ताओं के घरों में लगाए स्मार्ट मीटर
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जबकि जो स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे हैं, अभी वह कानून पूरी तरह पास नहीं हैं। इसलिए अविलंब पावर कारपोरेशन को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगा जरूरी है। जब स्मार्ट मीटर पूरी तरह सॉफ्टवेयर हार्डवेयर और साइबर सिक्योरिटी में पास हो जाए, इसके बाद ही उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाए जाने की मंजूरी दी जानी चाहिए।

बिना एफआईआईटी पास किए पूर्वांचल में टेस्ट कराने पर सवाल
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आज पावर कारपोरेशन ने जब स्वत: समीक्षा में यह देख लिया कि सभी मीटर कंपनियों में बड़े पैमाने पर कमियां सामने आ रही हैं, तो फिर ऐसे में कमियों वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर क्यों लगाए जा रहे हैं। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि बिना एफआईआईटी पास किए पूर्वांचल में  टेस्ट क्यों कराया गया? ऐसे में क्या पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के उच्च अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

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