प्रदेश में उपचुनाव को लेकर नेताओं के आरोप प्रत्यारोप के बीच अब पोस्टर वॉर तेज हो गई है। इससे पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के नए पोस्टर लखनऊ की सड़कों पर चर्चा का विषय बने रहे, इनमें लिखा है कि सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा।
यूपी में तेज हुई पोस्टर जंग : योगी के 'बटेंगे तो कटेंगे' पर सपा का जवाब- 'न कटेंगे न बटेंगे, पीडीए संग रहेंगे'
Oct 30, 2024 17:15
Oct 30, 2024 17:15
'कटेंगे तो बटेंगे' पर सपा का पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मथुरा में दिए गए बयान 'बटेंगे तो कटेंगे' के बाद पूरे देश में इस पर सियासी चर्चा तेज हो गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भी इसका समर्थन किया गया है। इसके बाद ये बयान और सुर्खियों में है। सियासी दल से लेकर धर्माचार्य इस पर अपनी टिप्पणी कर रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी इस बयान के बाद मुख्यमंत्री और सरकार पर हमलावर बनी हुई है। सपा की ओर से इसके जवाब में पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिया गया है, 'न कटेंगे न बटेंगे, पीडीए संग रहेंगे।' इस पोस्टर के जरिए सपा ने पीडीए को लेकर अपनी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है। साथ ही सीएम के बयान का पलटवार किया है।
सपा नेता सोशल मीडिया पर साझा कर रहे तस्वीर
लखनऊ स्थित सपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर लगा पोस्टर चर्चा में बना हुआ है। सपा के नेता और कार्यकर्ता इसे सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं, जिससे यह पोस्टर वायरल हो गया है। इसमें सपा नेता अमित चौबे का नाम भी शामिल है, जो महाराजगंज जिले के फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से आते हैं और पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
अखिलेश यादव ने बताया सबसे खराब नारा
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'बटेंगे तो कटेंगे' अपनी ताजा टिप्पणी पर कहा है कि देश के इतिहास में इससे खराब नारा राजनीति के इतिहास में किसी ने नहीं दिया होगा। इनका नारा ये दिखाता है कि ये नीचे की तरफ बढ़ रहें हैं और पीडीए ऊपर की तरफ बढ़ रहा है। नारा लैब में तैयार हुआ, और इस नारे के लिए जो सबसे सूटेबल नेता है उससे ये नारा बुलवाया गया।
उपचुनाव से पहले इस तरह लगाए जा रहे पोस्टर
प्रदेश में उपचुनाव को लेकर नेताओं के आरोप प्रत्यारोप के बीच अब पोस्टर वॉर तेज हो गई है। इससे पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के नए पोस्टर लखनऊ की सड़कों पर चर्चा का विषय बने रहे, इनमें लिखा है कि सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा। इस तरह के पोस्टर मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, भाजपा-सपा कार्यालय और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के आवास के बाहर भी लगाए गए हैं। कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद को लेकर एक अन्य पोस्टर इससे पहले चर्चा में रहा, इसमें संजय निषाद को '27 का खेवनहार' बताया गया। इसे समाजवादी पार्टी के '27 के सत्ताधीश अखिलेश' पर पलटवार के तौर पर लगाया गया। दरअसल सपा के पोस्टर पर अखिलेश यादव को 27 का सत्ताधीश बताया गया। पोस्टर पर लिखा गया, 24 में जनता का आशीष, दीवारों पर लिखा है, कौन होगा... सत्ताईश का सत्ताधीश। पोस्टर में दाहिनीं तरफ अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई गई थी। इस तरह यूपी में जुबानी जंग के साथ पोस्टर के जरिए भी सियासी दल एक दूसरे पर पलटवार करने में जुटे हैं।
चरम सीमा पर पहुंची पोस्टर जंग
प्रदेश में उपचुनावों की इस दौर में यह पोस्टर वॉर अपनी चरम सीमा पर है। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच ये वाकयुद्ध दर्शाता है कि दोनों खेमे अपनी-अपनी रणनीति में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद जहां समाजवादी इसे अपनी तरह पक्ष में करने में जुटी है तो दूसरी ओर उपचुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने पर निषाद पार्टी मिशन 2027 का लक्ष्य करते हुए पोस्टर जंग में कूद पड़ी है।
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