करीब डेढ़ घंटे तक चले पथराव से सड़कें ईंट-पत्थरों से भर गईं। स्थिति नियंत्रण में आने के बाद पुलिस ने नगर निगम की टीम बुलाकर सड़कों से ईंट-पत्थर हटवाए और क्षतिग्रस्त वाहनों को मौके से हटवाकर थाने भिजवाया।
संभल मस्जिद बवाल : पथराव और फायरिंग में दर्जनों उपद्रवी घायल, गिरफ्तारी के डर से छिपकर करा रहे इलाज
Nov 25, 2024 12:14
Nov 25, 2024 12:14
पत्थरबाजों का आतंक
करीब डेढ़ घंटे तक चले पथराव से सड़कें ईंट-पत्थरों से भर गईं। स्थिति नियंत्रण में आने के बाद पुलिस ने नगर निगम की टीम बुलाकर सड़कों से ईंट-पत्थर हटवाए और क्षतिग्रस्त वाहनों को मौके से हटवाकर थाने भिजवाया। इसके बाद ही जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें खाली हो पाईं। पथराव कर रहे उपद्रवियों ने नकाब पहन रखा था। पुलिस की बार-बार चेतावनी के बावजूद उन्होंने न तो पथराव बंद किया और न ही पीछे हटे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे तो उपद्रवियों ने वही गोले उठाकर पुलिस पर फेंक दिए। इससे पुलिसकर्मियों को स्थिति संभालने में दिक्कत हुई। पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि उपद्रवी पेशेवर थे और सिर्फ हिंसा करने आए थे।
अधिकारियों की नाकामी
पिछले पांच दिनों से चल रहे घटनाक्रम से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा था, जिसे जिले के अधिकारी भांप नहीं पाए। रविवार को अचानक सर्वे करने टीम पहुंच गई, जिससे गुस्सा भड़क गया। संभल से लेकर मुरादाबाद तक का सूचना तंत्र फेल हो गया। जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर पिछले पांच दिनों से विवाद चल रहा था। नेता बयानबाजी कर रहे थे और पुलिस लोगों को मुचलके पर पाबंद कर रही थी, लेकिन अधिकारी और सूचना तंत्र दोनों ही बवाल को भांपने में नाकाम रहे।
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हरिहर मंदिर का दावा
हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगल काल में एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस मामले में सिविल जज की कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन मुख्य याचिकाकर्ता हैं। उनकी याचिका पर कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को सर्वे कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने बताया कि इस मामले में उन्होंने कोर्ट में बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी का हवाला दिया है, जिससे साफ पता चलता है कि वहां हरिहर मंदिर था।
विवाद की शुरूआत
यह विवाद 19 नवंबर को शुरू हुआ था जब हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए चंदौसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में दावा पेश किया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में बने मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एक आयोग गठित कर सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे करने वाली टीम ने 19 नवंबर को पहली बार मस्जिद का निरीक्षण किया था। रविवार को टीम दूसरी बार सर्वे करने पहुंची थी। विवाद हिंसा में बदल गया।
29 नवंबर को पेश की जाएगी रिपोर्ट
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश की जाएगी। तब तक शहर में सुरक्षा कड़ी रखी जाएगी और स्थिति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।
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