उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने एक अहम फैसला लिया है। जिसमें आयोग ने अपनी पहले की घोषणा से पलटते हुए छात्रों की प्रमुख मांगों को स्वीकार किया। अब प्रारंभिक परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट में ही होगी...
अभ्यर्थियों की आधी मांग मानने पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा : बोले-भाजपा को अपनी हार दिखी तो पीछे हटी, बीच में आया घमंड
Nov 14, 2024 20:56
Nov 14, 2024 20:56
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'चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज'
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 'भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है।'
अखिलेश ने भाजपा को समझाया गणितभाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2024
जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों…
अखिलेश ने आगे कहा कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी।
'भाजपा को एक आदत पड़ गई'भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2024
छात्रों की मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी। भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आख़िरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीक़े नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है।
अखिलेश ने पुलिस पर लगाया आरोप
अखिलेश ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गई। ये ख़बर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है। ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊंचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेज़ी से होता है।
इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गयी है… ये ख़बर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है।
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ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक़ नहीं है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊँचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और…
'आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं'
अखिलेश ने छात्रों के समर्थन में कहा कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को ख़त्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताक़त दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके।
सीएम योगी के आदेश पर फैसला
प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या और उनके विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया और आयोग को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देने की सलाह दी। इसके बाद जिलाधिकारी और यूपीपीसीएस सचिव ने छात्रों के बीच आकर लाउडस्पीकर से इस फैसले की घोषणा की। जिलाधिकारी ने कहा, "सीएम योगी के आदेश पर, आयोग ने छात्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए परीक्षा के आयोजन का तरीका बदलने का निर्णय लिया है। अब यूपीपीसीएस परीक्षा एक दिन और एक शिफ्ट में ही होगी, जैसा पहले हुआ करता था। जल्द ही आयोग इस संबंध में आधिकारिक नोटिस जारी करेगा।"
छात्रों की मुख्य मांग और विरोध
हाल ही में यूपीपीसीएस परीक्षा के आयोजन को लेकर किए गए बदलावों के बाद छात्रों में असंतोष फैल गया था। UPPSC ने पहले परीक्षा को दो दिनों तक और दो शिफ्टों में कराने का निर्णय लिया था। जिसके खिलाफ छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। छात्रों का कहना था कि इस बदलाव से उनकी तैयारी पर असर पड़ेगा और परीक्षा का आयोजन पहले की तरह एक दिन और एक शिफ्ट में ही होना चाहिए। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया था कि दो शिफ्टों में परीक्षा कराना उनके लिए मानसिक दबाव पैदा करेगा और समय की कमी भी होगी। विरोध के बाद छात्रों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
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