विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि राजवीर सिंह के नाम पर करोड़ों की संपत्ति मिली है। इन सभी संपत्तियों का सही मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि कानूनी आधार पर ठोस कार्रवाई की जा सके। मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए विस्तृत मूल्यांकन और दस्तावेजों की समीक्षा की जा रही है।
UPRNN के पूर्व परियोजना प्रबंधक पर विजिलेंस का कसेगा शिकंजा : आय से अधिक संपत्ति मामले में पूछताछ की तैयारी
Oct 26, 2024 09:39
Oct 26, 2024 09:39
स्मारक घोटाले में पहले हो चुकी है अभियोजन स्वीकृति
विजिलेंस पहले से ही स्मारक घोटाले में अभियोजन स्वीकृति ले चुकी है। इसी कड़ी में राजवीर सिंह की दिल्ली और नोएडा में संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में संपत्ति का खुलासा हुआ है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, अभी इस मामले में जांच जारी है और नए तथ्यों के सामने आने की उम्मीद है।
वर्ष 2007 से 2011 के बीच हुई संपत्ति खरीद
राजवीर सिंह ने 2007 से 2011 के बीच निर्माण निगम में तैनाती के दौरान अपने और अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कई संपत्तियां खरीदी थीं। इनमें से अधिकांश संपत्तियां उनके और उनकी पत्नी अर्चना के नाम पर पाई गई हैं। इसके साथ ही, एक कंपनी 'आरिज वेलटेक' का मालिकाना हक भी कागजों में राजवीर सिंह के नाम पर ही निकला, जो मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है।
संपत्ति का मूल्यांकन
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि राजवीर सिंह के नाम पर करोड़ों की संपत्ति मिली है। इन सभी संपत्तियों का सही मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि कानूनी आधार पर ठोस कार्रवाई की जा सके। मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए विस्तृत मूल्यांकन और दस्तावेजों की समीक्षा की जा रही है।
कई दस्तावेजों के आधार पर होगी पूछताछ
डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण के अनुसार, विभिन्न दस्तावेजों से कई आवश्यक जानकारियां प्राप्त हुई हैं। इन जानकारियों की सत्यता की जांच के लिए जल्द ही राजवीर सिंह से पूछताछ की जाएगी। विजिलेंस के अधिकारियों का मानना है कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद राजवीर सिंह को औपचारिक रूप से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
नोएडा स्थित आवास पर भेजा जाएगा नोटिस
राजवीर सिंह वर्तमान में दिल्ली में महाप्रबंधक कार्यालय में अपर परियोजना प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उनके नोएडा स्थित आवास पर नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। पूछताछ के दौरान उनकी पत्नी के नाम पर मिली संपत्ति, लॉकर से बरामद जेवर, नकदी, और अन्य दस्तावेजों के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए संपत्ति छुपाने का प्रयास
विजिलेंस की जांच में यह भी सामने आया है कि राजवीर सिंह ने कुछ फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है, जिनमें एक दस्तावेज उनके बेहद करीबी व्यक्ति से अलगाव का है। यह दस्तावेज केवल संपत्ति को अलग-अलग दिखाने के उद्देश्य से बनाया गया था, जबकि वे साथ ही रह रहे थे। विजिलेंस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और राजवीर सिंह के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है।
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