देखा जाए तो लखनऊवासी फिलहाल 24 प्रकार के टैक्स व शुल्क दे रहे हैं। इस लिहाज से उनकी सुविधाओं में इजाफा होना चाहिए। लेकिन, हकीकत में बिजली, पानी, सड़क से लेकर जलभराव की समस्याएं आम हैं। इनके लिए लोग चक्कर काटने को मजबूर हैं।
Lucknow News: सुविधाओं का पता नहीं-समस्याओं का अंबार, शहरवासियों से 25वां टैक्स वसूलने की तैयारी
Jul 09, 2024 16:39
Jul 09, 2024 16:39
लखनऊवासियों पर 24 टैक्स का है बोझ
लखनऊ शहर में नगर निगम की ओर से वसूले जाने वाले टैक्स की बात करें तो इसमें हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, सीवर टैक्स, यूजर चार्ज, पार्किंग शुल्क, लाइसेंस शुल्क, विद्युत पावर कनेक्शन शुल्क, दाखिल खारिज शुल्क, सुदृढ़ीकरण शुल्क, अंबार शुल्क, निरीक्षण शुल्क, विकास अनुज्ञा शुल्क, पालतू कुत्ते के लिए शुल्क, गाय पालन के लिए शुल्क शामिल है। वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से शमन शुल्क, निरीक्षण शुल्क, मलबा शुल्क, सुदृढ़ीकरण शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क, जल शुल्क, बाह्य विकास शुल्क, दाखिल खारिज शुल्क और लेबर सेस शामिल है। अब नया सुविधा शुल्क भी शामिल हो गया है, जो नक्शा पास कराते समय देना होगा।
सुविधाएं दूर, समस्या के समाधान के लिए हर रोज भटकते हैं लखनऊवासी
इस तरह देखा जाए तो लखनऊवासी फिलहाल 24 प्रकार के टैक्स व शुल्क दे रहे हैं। इस लिहाज से उनकी सुविधाओं में इजाफा होना चाहिए। लेकिन, हकीकत में बिजली, पानी, सड़क से लेकर जलभराव की समस्याएं आम हैं। इनके लिए लोग चक्कर काटने को मजबूर हैं। कभी हाउस टैक्स सही कराने के लिए वह कैंप में मारे मारे घूम रहे हैं तो कहीं जलभराव की समस्या को लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। शहर में बुजुर्गों का अधिकांश समय तो इन्हीं में गुजर जाता है। अब नया टैक्स लगने के बाद इनकी कुल संख्या 25 हो जाएगी। इस तरह शहरवासियों को कुल 25 टैक्स देने पड़ेंगे।
टैक्स की बदौलत नगर निगम-एलडीए मालामाल
आम आदमी के इन टैक्स की बदौलत नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण तो मालामाल हो रहा है। लेकिन, सुविधाओं के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं। आने वाले दिनों में टैक्स में और इजाफा होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। नगर निगम से लेकर प्राधिकरण इसके लिए कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ही पहले ग्रीन कॉरिडोर में सुख-सुविधा शुल्क लागू किया था। इसके तहत उस क्षेत्र में जो भी निर्माण के लिए नक्शे पास कराएगा, उसे यह शुल्क देना अनिवार्य किया गया। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण अब तक ग्रीन कॉरिडोर से सुख-सुविधा शुल्क मद में 88 करोड़ रुपए की आय कमा चुका है। विशेष सुख-सुविधा शुल्क फिलहाल 350 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। वहीं अब शहर के लोगों को मकान का नक्शा पास कराते समय 200 रुपए प्रतिवर्ग मीटर की दर से में सुख सुविधा शुल्क देना होगा। इस तरह सुविधा बढ़े न बढ़े लेकिन आम आदमी की जेब ढीली करने के इंतजाम जरूर बढ़ गए हैं।
नगर निगम ऐसे कर रहा कमाई
- सीवर टैक्स की दर 200 से दो लाख तक
- यूजर चार्ज कूड़े के लिए 50 रुपए से लेकर डेढ़ लाख तक
- पार्किंग शुल्क की दर 10 से 40 रुपए तक
- लाइसेंस शुल्क की दर 500 से लेकर 60 हजार तक
- अंबार शुल्क की दर 40 रुपए प्रति वर्गमीटर
- निरीक्षण शुल्क 20 रुपए प्रति वर्गमीटर
- विद्युत पावर कनेक्शन शुल्क 500 से 3000 तक
- दाखिल खारिज शुल्क की दर डीएम सर्किल से एक प्रतिशत
- सुदृढ़ीकरण शुल्क की दर 192 रुपए प्रति वर्गमीटर
- विकास अनुज्ञा शुल्क की दर 10 से 30 हजार तक
- कुत्ते के लिए शुल्क की दर 200 से 1000 रुपए वार्षिक
- गाय पालने का शुल्क की दर 500 रुपए प्रति गाय वार्षिक
- हाउस टैक्स की दर 200 रुपए से दो लाख तक वार्षिक
- वाटर टैक्स की दर 200 से दो लाख तक वार्षिक
- आंतरिक विकास शुल्क की दर 1690 रुपए प्रति वर्गमीटर
- जल शुल्क की दर 55.20 रुपए प्रति वर्गमीटर
- बाह्य विकास शुल्क 2360 रुपए प्रति वर्गमीटर
- दाखिल खारिज शुल्क की दर 10 हजार रुपए तक
- लेबर सेस की दर सम्पत्ति की कीमत का एक प्रतिशत
- शमन शुल्क की दर 24 रुपए से लेकर 5879 रुपए प्रति वर्गमीटर तक
- निरीक्षण शुल्क की दर 24.50 रुपए प्रति वर्गमीटर
- निरीक्षण शुल्क विकास अनुज्ञा के लिए 12.10 प्रति वर्गमीटर
- मलबा शुल्क की दर 48.50 रुपए प्रति वर्गमीटर
- सुदृढ़ीकरण शुल्क की दर 136 रुपए प्रति वर्गमीटर
- नक्शा पास कराते समय नया सुख सुविधा शुल्क 200 रुपए प्रति वर्गमीटर
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