प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों और दवा कंपनियों के बीच सांठगांठ तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। अब निजी अस्पतालों...
योगी सरकार का बड़ा आदेश : अब यूपी के प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिलेंगी ये लाखों दवाई, जानिए क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
Oct 28, 2024 09:57
Oct 28, 2024 09:57
सांठगांठ तोड़ने का प्रयास
प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों और दवा कंपनियों के बीच सांठगांठ तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। अब निजी अस्पतालों में बिना फार्मासिस्ट के मनचाहे ब्रांड की दवाएं बेचना आसान नहीं होगा। शासन ने इस संदर्भ में सख्त आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे मरीजों को बेवजह महंगी दवाएं खरीदने से रोका जा सके।
यूपी में 1.15 लाख फुटकर दवा विक्रेता
प्रदेश में फिलहाल करीब 70,000 थोक और 1.15 लाख फुटकर दवा विक्रेता हैं। जबकि निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में भी फुटकर मेडिकल स्टोर मौजूद हैं। सरकार के पास कई शिकायतें आई हैं कि कुछ निजी अस्पताल दवा कंपनियों के साथ मिलकर ऐसी दवाओं का स्टॉक करते हैं जो अन्य मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध नहीं होतीं, जिससे मरीजों को मजबूरन उन्हीं दवाओं को अस्पताल के मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़े। अक्सर ये दवाएं महंगे दामों पर बेची जाती हैं। इन्हें केवल उसी अस्पताल के स्टोर पर ही उपलब्ध कराया जाता है।
दिवाली के बाद से औचक जांच अभियान शुरू होगा
शिकायतों के अनुसार कई मेडिकल स्टोर्स पर फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवाएं बेची जा रही हैं, जिससे दवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होते हैं। शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर आयुक्त प्रशासन रेखा एस चौहान ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के मेडिकल स्टोरों की सघन जांच करें। दिवाली के बाद से औचक जांच अभियान शुरू होगा।
क्या होंगे नए नियम
- अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की मौजूदगी।
- अस्पताल स्टोर पर बिकने वाली ब्रांडेड दवाओं की उपलब्धता और अन्य स्टोर्स पर उनकी उपलब्धता का परीक्षण।
- दवाओं की खुदरा मूल्य पर बिक्री और उनके गुणवत्ता परीक्षण।
Also Read
22 Nov 2024 02:38 PM
बीकेटी थाना क्षेत्र के देवरी रुखारा गांव में बृहस्पतिवार की रात अज्ञात लोगों ने दिव्यांग युवक की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। और पढ़ें