निजी अस्पतालों की लूट का ये आलम है कि जनरल वार्ड फुल होने का हवाला देते हुए प्राइवेट रूम, डीलेक्स रूम के नाम पर मनमानी जारी है। होटल की तर्ज पर एक दिन के 5000 रुपये वसूले जा रहे हैं। इनमें डॉक्टरों की विजिट का चार्ज अलग से लिया जा रहा है। इसके अलावा पैथोलॉजी जांच के नाम पर कई प्रकार के टेस्ट के नाम पर अलग से वसूली हो रही है। वायरल में भी एक्स-रे कराया जा रहा है।
डेंगू के कहर के बीच प्राइवेट अस्पतालों की लूट से मरीज बेहाल : मनमाने रेट पर टेस्ट, होटल की तर्ज पर हो रही वसूली
Oct 15, 2024 10:29
Oct 15, 2024 10:29
प्राइवेट अस्पतालों का लूट का खेल जारी
प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी से लेकर क्लीनिक में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालत ये है कि प्राइवेट नर्सिंग होम में बेड फुल हो चुके हैं। फातिमा हॉस्पिटल, सेंट जोसेफ हॉस्पिटल, वात्सल्य हॉस्पिटल आदि में भर्ती होने वाले मरीजों को भी ओपीडी से लौटाया जा रहा है। वहीं कई बड़े निजी अस्पतालों में मरीज के पहुंचने पर मनमाने तरीके से रुपये वसूले जा रहे हैं। वायरल के लक्षणों में ही बच्चों से लेकर बड़ों को गंभीर बताते हुए तुरंत एडमिट करने की सलाह दी जा रही है। इमरजेंसी में पहुंचने पर पहले इलाज शुरू करने के बजाय सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही एडमिट करने को बोला जा रहा है। शुरुआत में ही 25000 रुपये जमा कराए जा रहे हैं।
होटल की तर्ज पर निजी अस्पताल कर रहे वसूली
निजी अस्पतालों की लूट का ये आलम है कि जनरल वार्ड फुल होने का हवाला देते हुए प्राइवेट रूम, डीलेक्स रूम के नाम पर मनमानी जारी है। होटल की तर्ज पर एक दिन के 5000 रुपये वसूले जा रहे हैं। इनमें डॉक्टरों की विजिट का चार्ज अलग से लिया जा रहा है। इसके अलावा पैथोलॉजी जांच के नाम पर कई प्रकार के टेस्ट के नाम पर अलग से वसूली हो रही है। वायरल में भी एक्स-रे कराया जा रहा है। ऐसे में गरीब तबके केे लिए सरकारी अस्पतालों का ही सहारा है, जहां पहले से मरीज भरे हुए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है, इसलिए डेंगू के लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है।
समय पर इलाज शुरू होने से जल्द ठीक हो सकते हैं मरीज
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण का कहना है कि डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक है। इस समय शुरुआती लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। डॉ. अरुण बताते के अनुसार, डेंगू के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और त्वचा पर लाल धब्बे आना शामिल हैं। अगर इन लक्षणों को समय पर पहचाना जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो मरीज की स्थिति को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इस सीजन में विशेष रूप से दीवाली के दौरान, अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।
अस्पतालों में डेंगू मरीजों की भीड़
बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सर्वेश सिंह के अनुसार, वर्तमान में अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे इलाज के लिए सीमित संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है। उनका मानना है कि दीवाली के बाद ठंड के बढ़ते ही डेंगू के मामलों में प्राकृतिक रूप से कमी आने की संभावना है। इसके बावजूद, लोगों को अपने घरों और आस-पास साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए और मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए।
डेंगू के हॉटस्पॉट इलाके
लखनऊ में बीते चौबीस घंटे में डेंगू के 15 नए मामले दर्ज किए गए। इनमें इटौंजा, अलीगंज, इंदिरा नगर, एनके रोड, चंदरनगर, चिनहट, मोहनलालगंज और टूडियागंज के इलाके शामिल हैं। इससे पहले रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, अलीगंज सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका रहा, जहां 7 पॉजिटिव केस मिले। इसके अलावा, आलमबाग, इंदिरा नगर, और सिल्वर जुबली क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में मरीज सामने आए हैं।
बदलते मौसम में हावी होती हैं मच्छर जनित बीमारियां
डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग, फुल आस्तीन के कपड़े पहनना, और घर के आसपास पानी जमा न होने देना महत्वपूर्ण है। दीवाली के दौरान भी सभी लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए उचित उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। चिकित्सकों के मुताबिक बदलते मौसम के साथ मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से बचाव के लिए सजगता और सतर्कता बेहद आवश्यक है। समय पर इलाज और उचित सावधानियां अपनाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके साथ ही, जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग करके हम इस संकट से निपट सकते हैं।
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार
- सिर दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- आंखों के पीछे दर्द
- अचानक तेज बुखार
- जोड़ों में सूजन और दर्द (जो कई हफ्तों तक रह सकता है)
- मांसपेशियों में दर्द
- सिर दर्द
- त्वचा पर चकत्ते
- बुखार जो बार-बार आता है और उसमें कंपकंपी लगती है
- सिरदर्द
- उल्टी या मतली
- थकान और कमजोरी
- पसीना आना
- मच्छरदानी में सोएं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मलेरिया का प्रकोप अधिक होता है।
- घर में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए जालीदार खिड़कियों और दरवाजों का इस्तेमाल करें।
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें, क्योंकि यही मच्छरों का प्रजनन स्थल बनता है।
- मच्छरों को दूर रखने के लिए सिट्रोनेला, नीम या लैवेंडर ऑयल का प्रयोग करें।
- घरेलू सतहों पर डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव करेंं।
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