मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा की परियोजनाओं में समयबद्धता-गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। इनमें गड़बड़ी मिलने पर जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक की जवाबदेही तय होगी।
पीडब्ल्यूडी की परियोजनाओं में गड़बड़ी पर नपेंगे जेई-चीफ इंजीनियर : सीएम योगी बोले- एग्रीमेंट नियमों के उल्लंघन पर फर्म होगी ब्लैकलिस्ट
Nov 04, 2024 22:17
Nov 04, 2024 22:17
स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण परियोजनाओं में स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान रखना आवश्यक है। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्तें हैं, और इन पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्माण कार्यों में गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी तय करने की बात करते हुए कहा कि जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक सभी की जवाबदेही होगी। अगर अनुबंध के नियमों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित कांट्रेक्टर को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डीपीआर को अंतिम रूप देने पर जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं के लिए डीटेल्ड प्रोजक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ और समाप्ति की तिथि सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस तिथि का कड़ाई से पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और जिन कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है, उनकी थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराई जानी चाहिए।
लोक महत्ता का आंकलन
सड़क और सेतु निर्माण के लिए स्वीकृति देने से पहले उनकी लोक महत्ता का आंकलन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिलना चाहिए, और इसके लिए पहले आवश्यकता की परख करना, प्राथमिकता तय करना, और फिर मेरिट के आधार पर स्वीकृति देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने दीन दयाल उपाध्याय तहसील-ब्लॉक मुख्यालय योजना के तहत सभी तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़ने का कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी तहसील या ब्लॉक इससे अछूता नहीं रहना चाहिए।
मैत्री द्वार के निर्माण कार्य में लाएं तेजी
प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य 'मैत्री द्वार' बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, वहां तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने के लिए कहा गया। यह द्वार सीमा पर ही बनाए जाने चाहिए और आकर्षक होने के साथ ही यहां की प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूर्ण या निर्माणाधीन हैं और शेष मार्गों पर निर्माण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए।
सड़कों में नजर नहीं आने चाहिए गड्ढे
मुख्यमंत्री ने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों के निर्माण की प्राथमिकता पर जोर देते हुए कहा कि अब यह कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। यह किसानों और व्यापारियों के हित से जुड़ा मामला है और इसमें गड्ढे नहीं होने चाहिए। लगभग 6000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाना है, और इसके लिए एफडीआर तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग
धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होनी चाहिए। सभी धार्मिक, ऐतिहासिक,पौराणिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर धर्मार्थ कार्य विभाग और संबंधित जिलाधिकारी के सहयोग से समय पर पूरा किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण का रखें विशेष ध्यान
पर्यावरण संरक्षण को भी बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दा माना गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का पूरा ध्यान रखा जाए। कहीं भी अनावश्यक वृक्ष कटने नहीं चाहिए और सड़क निर्माण की कार्ययोजना में मार्ग के बीच आने वाले वृक्षों के संरक्षण को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए।
लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना करें तैयार
मुख्यमंत्री ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार तीन लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थायी पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखा जाना चाहिए।
शहरी क्षेत्र के लिए नए सेतु
सीएम योगी ने कहा जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जिलों से प्रस्ताव लेकर उन स्थानों को कार्ययोजना में सम्मिलित करने की बात कही गई जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो। शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त या संकरे सेतुओं के स्थान पर नए सेतु का निर्माण किया जाना आवश्यक है ताकि सभी जिलों को इसका लाभ मिल सके।
रेल ओवरब्रिज और बाईपास निर्माण
मुख्यमंत्री ने रेल ओवरब्रिज और रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बाईपास, रिंग रोड और फ्लाईओवर निर्माण कराने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।
संपर्क मार्ग का निर्माण
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावटों/ग्रामों को एकल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण कराने की बात कही जिनकी आबादी 250 से अधिक हो और मार्ग की लंबाई 1.00 किमी या उससे अधिक हो। इसी प्रकार, दो ग्रामों बसावों को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भी सर्वे कराकर निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
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