भाजपा जिला कार्यालय अटल भवन में मंगलवार को 25 जून 1975 में आपातकाल की याद में काला दिवस मनाया गया। मंगलवार शाम को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे।
Raebareli News : मॉब लिंचिंग के सवाल पर बचते नजर आए कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, इस वजह से आए थे रायबरेली
Jun 25, 2024 21:13
Jun 25, 2024 21:13
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से जब उत्तर प्रदेश टाइम्स ने पूछा कि देश और प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में एक विशेष वर्ग को टारगेट किया जा रहा है तो वह इस सवाल का जवाब देने से बचते नजर आए और बिना जवाब दिए निकल गए। इससे पहले सुरेश खन्ना ने बताया कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद-352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया और उनको प्रताड़ित किया और तो और उन्होंने प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे लोकतांत्रिक काला दिन था। इसलिए इस आपात काल को काला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान सभा में आए सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मंत्री सुरेश खन्ना व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह व जिलाध्यक्ष बुद्धी लाल पासी ने अंगवस्त्र भेंट कर सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रुच्चू मल सन्तानी, रोहित पांडेय, श्रीधर शर्मा, सुनील कक्कड़, दिनेश चंद्र, गया प्रसाद सोनकर, संत लाल गुप्ता, आलोक कुमार त्रिपाठी, गोविंद लाल आदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया।
Also Read
21 Dec 2024 09:34 PM
लखनऊ विकास प्राधिकरणमें 23 प्लॉटों की रजिस्ट्री और 14 को फ्री होल्ड किया गया। 12 लोगों के रिफंड की फाइल का निस्तारण किया गया। और पढ़ें