यूपी बीजेपी ने रविवार देर रात पार्टी के मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों की सूची जारी की। रायबरेली जिले में कुल 22 मंडल अध्यक्षों और 22 जिला प्रतिनिधियों का चयन किया गया।
बड़ी लापरवाही : मर चुके संजय मौर्य को भाजपा ने बना दिया जिला प्रतिनिधि, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
Dec 30, 2024 22:48
Dec 30, 2024 22:48
जातीय समीकरण साधने की कोशिश में बड़ी चूक
सूची को अंतिम रूप चुनाव अधिकारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की संस्तुति पर दिया गया। जिले में मंडल अध्यक्ष चुनाव की जिम्मेदारी राकेश मिश्रा के पास थी, जबकि जिला प्रभारी पीयूष मिश्रा और प्रदेश महामंत्री संजय राय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद थे। चुनाव में जातीय संतुलन साधने का प्रयास स्पष्ट रूप से दिखा, लेकिन ओबीसी समुदाय की अन्य जातियों को अपेक्षाकृत कम प्रतिनिधित्व मिला।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ नाम
मृतक संजय मौर्य का नाम सूची में आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। लोग व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए लिख रहे हैं कि 'यमलोक से संजय मौर्य बीजेपी के जिला प्रतिनिधि पद पर काम करेंगे।' इस गलती ने पार्टी की कार्यप्रणाली और नामांकन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जातीय समीकरण और पार्टी का पक्ष
बीजेपी की सूची में यादव समुदाय से दूरी बनाए रखने और अन्य जातीय समीकरणों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है। हालांकि, इस चूक ने पार्टी के संगठनात्मक तंत्र को सवालों के घेरे में ला दिया है।
प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस घटना ने यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या पार्टी ने सिर्फ नाम के आधार पर सूची तैयार की है। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन इस गलती पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इस विवाद के बाद बीजेपी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए यह घटना सोचने का विषय है कि कैसे इस प्रकार की चूक को रोका जा सकता है।
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