डीजल वाहनों में इस्तेमाल होने वाले यूरिया केमिकल का जहरीला पानी पीने से करीब 30 बकरियों की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित पशुपालक की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।
Raebareli News : यूरिया केमिकल युक्त जहरीला पानी पीने से दर्जनों बकरियां मरी, हाईवे पर हुआ हादसा
Jun 17, 2024 16:03
Jun 17, 2024 16:03
ये था मामला
हाईवे के किनारे ट्रकों के इंजन में डाले जाने वाली यूरिया केमिकल को दुकानदार अक्सर सड़क पर डाल देते हैं। वहीं केमिकलयुक्त पानी आज सड़क के किनारे गड्ढे में भर गया। सोमवार को बकरियों का झुंड उसी जगह से निकला तो सभी ने पानी पी लिया। साथ ही एक गोवंश ने भी वही यूरिया युक्त पानी पी लिया। देखते ही देखते कुछ देर में सभी की मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पुलिस और पशु विभाग की टीम के साथ-साथ राजस्व विभाग की टीम भी पहुंच गई। सभी जानवरों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पशुपालक ने यूरिया पंप मालिकों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
पशुपालक रामखेलावन पाल ने बताया कि वह बकरियां चरा रहे थे। गड्ढे में यूरिया युक्त पानी पड़ा था, जिसको बकरियों ने पी लिया। जिससे उनकी 30 से 32 बकरियां मर गईं। बकरियां मर जाने से उनके परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है। इन सब बकरियों की कीमत लगभग 2 लाख रुपये के आसपास है।
इस मामले में क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताय कि रामखेलावन शीतल बख्श का पुरवा के रहने वाले हैं। अपनी बकरियों को चरा रहे थे। वाहनों में फीलिंग करने वाला यूरिया की टंकी से जहरीला पानी सड़क किनारे पड़ा था। जिसको उनकी बकरियां ने पी लिया। जिससे उनकी मौत हो गई। डॉक्टर बुलाया गया है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। आगे कार्रवाई की जाएगी।
वाहनों में क्यों डाला जाता है लिक्विड यूरिया
बड़े डीजल वाहनों में यूरिया के उपयोग से डीजल इंजनों से नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन को 90% तक कम किया जा सकता है। NOx एक जहरीली गैस है जो स्मॉग और अम्लीय वर्षा में योगदान करती है और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए ऑटोमोबाइल निकास में नाइट्रोजन ऑक्साइड को हानिरहित नाइट्रोजन और पानी से ऊर्जा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में परिवर्तित करना रहता है। इसका आजकल भारी वाहनों में डालने का चलन बढ़ गया है।
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