केंद्र सरकार की बहुआयामी योजना गंगा एक्सप्रेसवे आपदाओं के कारण पिछड़ता हुआ दिख रहा है। मेरठ से लेकर प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया...
Raebareli News : पिछड़ रहा 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का काम, यह है बड़ा कारण...
Mar 08, 2024 11:13
Mar 08, 2024 11:13
मिट्टी की कमी से पिछड़ा काम
मिट्टी कमी के साथ बीच-बीच में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी कार्य को पूरा करने में परेशानी हो रही है। एक्सप्रेसवे के कार्य ने यूपीडा के अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया है। एक्सप्रेसवे के कार्य की धीमी गति के चलते यूपीडा के अधिशासी अधिकारी मनोज सिंह ने अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्य के धीमी गति से चलने की जानकारी दी है।
पुल और अंडरपास का काम भी धीमा
आपको बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में मार्च तक 65 फीसदी मिट्टी के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके सापेक्ष अब तक मात्र 55 फ़ीसदी मिट्टी के कार्य को पूरा किया गया है। एक्सप्रेसवे के रास्ते पड़ने वाले पुल और पुलियों के साथ अंडरपास को बनाने में भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है।
डलमऊ और लालगंज में आ रही परेशानी
निर्माण कार्य कर रही आईटीडी सीमेंट्स के मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर सरफराज का कहना है की सबसे अधिक परेशानी मिट्टी को लेकर हो रही है। मिट्टी की उपयोगिता सरकारी तालाबों से पूरी नहीं हो पा रही है। किसानों द्वारा एक्सप्रेसवे के निर्माण में मिट्टी देने में आनाकानी के चलते मिट्टी कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। जगतपुर से लेकर रोहनिया तक 25 किलोमीटर क्षेत्र में मिट्टी नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। मिट्टी की कमी डलमऊ और लालगंज क्षेत्र में उत्पन्न हो रही है। इन सभी जगहों पर कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है।
डीएम के निर्देश भी बेअसर
एक्सप्रेसवे के रास्ते में ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाए जाने वाले अंडरपास का कार्य भी मिट्टी के ना मिलने से अटका हुआ है। जिलाधिकारी की बैठकों में भी एक्सप्रेसवे के निर्माण में मिट्टी की कमी का मुद्दा उठाया गया था। इसको लेकर जिलाधिकारी ने मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अपने तय समय से पूरा नहीं हो पा रहा है।
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