रायबरेली के वीवीआईपी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यकरण का लक्ष्य फेल होता नजर आ रहा है। दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों के लिये बनाये गए अत्याधुनिक एस्केलेटर बना तो दिए गए लेकिन चालित न होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण में ढिलाई: एस्केलेटर और शेड निर्माण में गंभीर खामियां, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
Sep 28, 2024 17:32
Sep 28, 2024 17:32
हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में यह देखा जा सकता है कि एस्केलेटर और लिफ्ट के ऊपर बनाए गए शेड से बारिश के दौरान पानी टपक रहा है। यह वीडियो साफ तौर पर शेड के घटिया निर्माण कार्य की ओर इशारा करता है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। स्टेशन प्रशासन ने एस्केलेटर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जबकि लिफ्ट अभी चालू है।
एस्केलेटर निर्माण में देरी और गुणवत्ता की कमी
रायबरेली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सहूलियत के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर एस्केलेटर लगाए गए हैं। इसमें दो स्वचालित सीढ़ियां हैं, जिनमें से एक ऊपर जाने और दूसरी नीचे आने के लिए है। हालांकि, इस सुविधा को स्थापित करने में ढिलाई बरती गई और इसका निर्माण काफी समय बाद पूरा हुआ। निर्माण पूरा होने के बाद भी, पहले गुणवत्ता परीक्षण और फिर हैंडओवर की प्रक्रिया में देरी हुई, जिसके चलते यह सुविधा समय पर शुरू नहीं हो पाई।
मई 2023 की शुरुआत में रेलवे को यह एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा सौंप दी गई थी, लेकिन सुरक्षा मानकों का बोर्ड न लगने के कारण इसे चालू करने में और भी देरी हुई। दिसंबर 2023 तक यात्रियों को इन सुविधाओं का लाभ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन प्रशासनिक ढिलाई और निर्माण में खामियों के कारण यह संभव नहीं हो सका।
यात्रियों की समस्याएं और प्लेटफार्म बदलने में असुविधा
रायबरेली रेलवे स्टेशन से हर रोज लगभग 34 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनसे औसतन 25,000 यात्री सफर करते हैं। लखनऊ की ओर जाने वाली ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकती हैं, जबकि अन्य ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर ठहरती हैं। प्लेटफार्म बदलने के लिए यात्रियों को पैदल पुल का सहारा लेना पड़ता है, जिससे बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाओं के शुरू हो जाने से प्लेटफार्म बदलने में आसानी होती, लेकिन निर्माण कार्यों में खामियों और देरी के कारण यह राहत यात्रियों को नहीं मिल पा रही है। एस्केलेटर के अस्थायी रूप से बंद होने से भारी बैग लेकर चलने वाले यात्री और विशेष रूप से बुजुर्ग और दिव्यांग यात्री अधिक परेशान हो रहे हैं।
स्टेशन अधीक्षक का बयान
स्टेशन अधीक्षक रवि रंजन कुमार ने इस समस्या को स्वीकारते हुए कहा कि शेड से पानी गिरने के कारण एस्केलेटर को अस्थाई तौर पर बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि लिफ्ट अभी चालू है और शेड का कार्य पूरा होते ही एस्केलेटर को भी शुरू कर दिया जाएगा।
अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकास
गौरतलब है कि 6 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत योजना के तहत रायबरेली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया था। इस योजना के तहत देश भर के 1309 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है, जिसमें पहले चरण में 508 स्टेशन शामिल थे। उत्तर प्रदेश के 156 स्टेशनों में रायबरेली रेलवे स्टेशन भी प्रमुख रूप से चुना गया था। इस योजना के तहत स्टेशन के विकास कार्यों को 6 से 8 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है, और इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 24,470 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के कार्यों की शुरुआत भले ही हो चुकी है, लेकिन निर्माण की धीमी गति और गुणवत्ता में कमी यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के प्रत्याशी और राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने इस योजना का जमकर प्रचार किया था, लेकिन अब तक यह योजना अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल नहीं हो पाई है।
ढिलाई के कारण सुविधाएं अभी तक पूर्ण रूप से उपयोगी साबित नहीं हो सकीं
रायबरेली रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाओं की शुरुआत से बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद थी। लेकिन निर्माण कार्यों की खामियों और प्रशासनिक ढिलाई के कारण यह सुविधाएं अभी तक पूर्ण रूप से उपयोगी साबित नहीं हो सकी हैं। अब देखना यह है कि स्टेशन प्रशासन कब तक इन खामियों को दूर कर यात्रियों को सुगम सुविधाएं प्रदान कर पाता है।
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