झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग के बाद रायबरेली के जिला अस्पताल में फायर सेफ्टी की जांच करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल पहुंचे...
झांसी घटना के बाद जागा रायबरेली प्रशासन : जिला अस्पताल में हुई सेफ्टी को लेकर चैकिंग, सीएमएस ने मीडिया में बोलने से किया इनकार
Nov 16, 2024 18:23
Nov 16, 2024 18:23
जले हुए बिजली के बोर्ड और पुराने अग्निशमन उपकरण
बताया जा रहा है कि रायबरेली के जिला अस्पताल में हालात खराब हैं। यहां लापरवाही का आलम यह है कि जले हुए बिजली के बोर्ड हैं और एबीसी टाइप के फायर एक्सीटिंगयुशर 2021 के है। यहां बच्चों के वार्ड में जले हुए बिजली के बोर्ड दुर्घटना को दावत दे रहे हैं, लेकिन लाखों रुपये रखरखाव के नाम पर बजट लेने वाला जिला अस्पताल इसकी तरफ से लापरवाह बना है। ख़ास बात यह कि इस पर जवाब देने के लिए सीएमएस डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल सामने नहीं आये, बल्कि उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया में बोलने से मना किया गया है। वहीं 2021 के एबीसी टाइप फायर एक्सटिनग्युशर भी धोखा दे सकते हैं।
'सिलेंडर को हर साल चेक कराना चाहिए'
अग्नि सुरक्षा अधिकारी मनीराम सरोज के मुताबिक, वैसे तो एबीसी टाइप सिलेंडर पर जब तक मीटर सही रीडिंग बताता हैं, तब तक इसे उपयोगी माना जाता हैं। उन्होंने कहा, इसके बावजूद इन सिलेंडर को हर वर्ष चेक करया जाना चाहिए क्योंकि कई बार एक साल की अवधि में इसके नोजेल और नॉब जाम हो जाते हैं। यहाँ तीमारदार भी जले बिजली के बोर्ड और लटकते तारों को देखकर भयभीत हैं। लेकिन सिस्टम सरकारी हैं, इसलिए इनके मुहं पर भी ताला हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट का जिला अस्पताल का दौरा
सिटी मजिस्ट्रेट धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने जिला अस्पताल और महिला जिला अस्पताल का दौरा किया है। यह एक रुटीन चेकअप है। हम समय-समय पर यहां की व्यवस्थाओं को लेकर जांच करते रहते हैं। जो भी जांच हुई है उसकी रिपोर्ट में जिलाधिकारी को सौंप दूंगा।
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