Lucknow News : एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाने से हो रही थ्राम्बोसाईटोपेनिया नामक दुर्लभ बीमारी, भारत की कोविशील्ड भी इसी फॉर्मूले पर बनी है

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाने से हो रही थ्राम्बोसाईटोपेनिया नामक दुर्लभ बीमारी, भारत की कोविशील्ड भी इसी फॉर्मूले पर बनी है
सोशल मीडिया | सांकेतिक तस्वीर

Apr 30, 2024 20:32

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन अब सवालों के घेरे में है। इसी फार्मूले पर बनी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से हो रही दुर्लभ बीमारी....

Apr 30, 2024 20:32

Lucknow : सवालों के घेरे में कोविड की वैक्सीन कोविशील्ड, इसी फार्मूले पर ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका बनती है वैक्सीन जिसने ब्रिटिश कोर्ट में माना कि उनकी वैक्सीन से होता है थ्राम्बोसाईटोपेनिया नामक दुर्लभ सिंड्रोम। आईए समझते हैं कि आखिर क्यों भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

साल 2019 के अंत में कोरोना नामक महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी जिस वजह से लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोनावायरस से निपटाने की तैयारी में जुट गए समय लगा लेकिन सफलता भी मिली वैज्ञानिकों ने वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन इजात की इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन बीते कुछ समय से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। ब्रिटेन की अगर बात की जाए तो वहां एस्ट्राजेनेका नामक कंपनी पर कई लोगों ने कैसे कर कहा कि जब उन्होंने एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन लगे तब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी कई लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने लगे तो कई लोगों के दिमाग पर इसका असर हुआ। बताते चले एस्ट्राजेनेका कंपनी दिस फार्मूले पर वैक्सीन का निर्माण करती है इस फार्मूले पर भारत में कोविशील्ड कंपनी ने वैक्सीन बनाई है जिसके 175 करोड़ डोज बनाए थे जो लोगों को लगाए गए हैं।

हो रही दुर्लभ बीमारी- साल 2021 में वैज्ञानिकों ने वैक्सीन द्वारा होने वाली दुर्लभ बीमारी वैक्सीन इंड्यूस्ड इम्यून थ्रांबोसिस थ्राम्बोसाईटोपेनिया सिंड्रोम (VITT) के बारे में पता लगाया। जानकारी के अनुसार एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की वजह से थ्राम्बोसाईटोपेनिया सिंड्रोम हो जाता है जो बहुत ही दुर्लभ है इसमें व्यक्ति के शरीर में रक्त कोशिकाएं कम होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह खून के थक्के जमने लगते हैं जिस वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है।

ब्रिटेन में नहीं हो रही इस्तेमाल- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लांच होने के कुछ महीने बाद ही वैज्ञानिकों ने इससे होने वाले दुष्परिणामों को भांप लिया था इसके बाद ब्रिटेन में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि कंपनी का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल और अलग-अलग देशों के डाटा रिकॉर्ड से यह साबित होता है कि हमारी वैक्सीन सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों को पूरा करती है। फिलहाल कंपनी ने कोर्ट में पेपर सबमिट करते वक्त यह जानकारी भी कोर्ट को दी है कि उनकी वैक्सीन की वजह से थ्राम्बोसाईटोपेनिया नामक दुर्लभ सिंड्रोम लोगों को हो रहा है फिलहाल कंपनी के पास अभी यह जानकारी नहीं है कि इस वैक्सीन से आखिर क्यों यह दुर्लभ बीमारी लोगों को हो रही है।

बढ़ रहे मामले- वहीं अगर भारत की बात की जाए तो आए दिन हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं ऐसा देखा जा रहा है कि कम उम्र से लेकर अधिक उम्र के लोगों को अचानक से हार्ट अटैक आ जाता है और उनकी मौत हो जाती है लोग अपने दैनिक कम करते वक्त ही गश खाकर गिर जा रहे है। फिलहाल हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की बढ़ रही घटनाओं के बारे में अभी यह कहना सही नहीं होगा कि इसका कारण वैक्सीन है या कुछ और। वही वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की लॉन्चिंग के वक्त कहा था कि यह वैक्सीन 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और कारगर है।

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