बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि प्रत्येक निजी स्कूल में कम से कम 10 आवेदन अनिवार्य होंगे। यह निर्णय इसलिए किया गया क्योंकि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 20 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
RTE UP Admission 2025-26 : दूसरे चरण में 12 जिलों में 500 से भी कम आवेदन, प्राइवेट स्कूलों में न्यूनतम 10 आवेदन अनिवार्य
Jan 24, 2025 09:43
Jan 24, 2025 09:43
प्रत्येक स्कूल के लिए न्यूनतम 10 आवेदन अनिवार्य
बेसिक शिक्षा विभाग ने तय किया है कि प्रत्येक निजी स्कूल में कम से कम 10 आवेदन अनिवार्य होंगे। यह निर्णय इसलिए किया गया क्योंकि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 20 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित हैं। यदि किसी स्कूल में 40 छात्रों का बैच है, तो उसमें कम से कम 10 आवेदन होने चाहिए।
कम आवेदन वाले जिलों पर विशेष ध्यान
कई जिलों में आरटीई के तहत आवेदनों की स्थिति चिंताजनक है। लगभग 12 जिलों में आवेदन की संख्या 500 से भी कम है। इसके चलते विभाग ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आवेदकों की संख्या बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।
सभी जिलों को भेजी गई मैपिंग रिपोर्ट
समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि सभी जिलों को निजी स्कूलों की मैपिंग और उनकी सीटों की विस्तृत जानकारी भेजी गई है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि हर जिले में कम से कम 1,500 से 2,000 आवेदन सुनिश्चित किए जाएं, जबकि बड़े जिलों में यह लक्ष्य 3,000 रखा गया है।
जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर बनेगी हेल्प डेस्क
विभाग ने निर्देश दिया है कि जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर हेल्प डेस्क बनाकर लोगों को आवेदन प्रक्रिया में मदद की जाए। इन हेल्प डेस्क के संचालकों को आवेदनों का लक्ष्य सौंपा गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जरूरतमंद परिवार ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
तीन से चार लाख बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य
बेसिक शिक्षा विभाग का लक्ष्य इस वर्ष तीन से चार लाख बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने का है। विभाग ने हर स्तर पर सक्रियता बढ़ाई है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को आरटीई के तहत शिक्षा का लाभ मिल सके। दूसरे चरण के लिए लॉटरी 24 जनवरी को निकाली जाएगी और स्कूल आवंटन 27 जनवरी को होगा। इसके बाद तीसरे चरण के आवेदन 1 फरवरी से ऑनलाइन शुरू होंगे। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 20 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। यह योजना बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है।