प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत कई अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत, सरकार ने 10 महिला किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रदेश में मॉडल एफपीओ के रूप में विकसित करने की घोषणा की है।
ग्रामीण आजीविका मिशन : यूपी में दस महिला किसान उत्पादक संगठन मॉडल एफपीओ के रूप में होंगे विकसित, मिलेगा आर्थिक लाभ
Jan 14, 2025 15:05
Jan 14, 2025 15:05
महिला किसानों को मिलेगा संगठन का लाभ
इन एफपीओ का मुख्य उद्देश्य महिला किसानों को उनके उत्पादों को एकत्रित करने, प्रोसेसिंग करने और बेहतर मूल्य पर बेचने में सहायता प्रदान करना है। सरकार का अनुमान है कि इससे महिला किसानों को स्थानीय बाजारों से जोड़ा जाएगा और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
स्वयं सहायता समूह से महिलाएं बनेगी आत्मनिर्भर
महिलाओं की आय को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार के स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। महिलाओं को कुटीर उद्योग, डेयरी, कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, हथकरघा और हस्तशिल्प कार्यों में प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी जा रही है। महिला किसान उत्पादक संगठनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार तकनीकी और विपणन सहयोग भी प्रदान कर रही है, जिससे महिलाएं अपनी उत्पादकता बढ़ाकर बेहतर दाम पर अपने उत्पाद बेचने में सफल हो रही हैं।
कृषि क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा
सरकार की यह पहल महिला किसानों को नई तकनीकों और उपकरणों से अवगत कराकर कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, उन्हें जैविक खेती और सतत कृषि पद्धतियों के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य केवल महिला किसानों को आर्थिक लाभ देना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे समाज और परिवार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
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