शहर में प्री-वेडिंग शूट्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। वेडिंग प्लानर्स के अनुसार, मिरर थीम, पद्मावत थीम और स्काई स्कॉट जैसे विशेष इफेक्ट्स की मांग बढ़ रही है। अब शादी में परंपरागत रीति-रिवाज लौटने लगे हैं। एक समय था जब दुल्हन की विदाई डोली से ही होती थी। इसके लेकर फिल्मों में कई गीत भी बने। वक्त बदलने के साथ डोली की जगह चार पहिया वाहन ने ले ली। लेकिन, अब आधुनिक अंदाज के साथ डोलिया का रिवाज फिर चलन में आ गया है।
सहालग : लखनऊ में इन वेडिंग डेस्टिनेशन की सबसे ज्यादा मांग, बग्घी-डोली का क्रेज, आधुनिकता के साथ दिख रहा परंपराओं का रंग
Jan 18, 2025 08:38
Jan 18, 2025 08:38
फरवरी रहेगा शादी का सबसे व्यस्त महीना, शहर के पार्क बने पसंदीदा स्थान
उत्तर प्रदेश टेंट कैटरिंग एंड डेकोरेशन वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार, फरवरी में सबसे ज्यादा शादियां होंगी। अनुमान के मुताबिक फरवरी में 12,000 से 15,000 शादियां, जनवरी में 3,000 और मार्च में लगभग 5,000 शादियां होने की संभावना है। राजधानी में डॉ. राममनोहर लोहिया पार्क और जनेश्वर पार्क जैसी जगहें भी शादी के लिए प्रमुख स्थल बनते जा रही हैं। यहां प्री वेडिंग शूट को लेकर भी लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। जनेश्वर पार्क में अब तक 20 से अधिक बुकिंग हो चुकी हैं। इन स्थलों को आलीशान सजावट और व्यवस्थाओं के कारण संपन्न परिवारों द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है।
प्री-वेडिंग शूट का क्रेज बढ़ा
शहर में प्री-वेडिंग शूट्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। वेडिंग प्लानर्स के अनुसार, मिरर थीम, पद्मावत थीम और स्काई स्कॉट जैसे विशेष इफेक्ट्स की मांग बढ़ रही है। रूमी गेट, कुड़िया घाट और मरीन ड्राइव जैसी लोकेशन्स के लिए 40 से 50 हजार रुपये में शूट्स हो रहे हैं। बाहर की लोकेशन चुनने पर यह खर्च 80 हजार से 1 लाख तक पहुंच सकता है।
बग्घियों की बढ़ती मांग के कारण किराए में इजाफा
इसके साथ ही शादी समारोहों में बग्घी की मांग भी काफी बढ़ गई है। आलमबाग और बादशाहनगर के बैंड कारेाबार से जुड़े लोगों के अनुसार 'बाहुबली बग्घी' की सबसे ज्यादा मांग है। इसके किराए में भी तेजी आई है। कुछ समय पहले से इस तरह की मांग में काफी इजाफा हो रहा है। शादी को लेकर खर्च की परवाह नहीं करने वाले लोग बाहुबली बग्घी की सबसे ज्यादा मांग कर रहे हैं। वह अपने विवाह समारोह को यादगार बनाना चाहते हैं। ऐसे में इसके दाम भी बढ़ गए हैं।
- दो घोड़ों की बग्घी : 15,000 से 25,000 रुपये।
- एक घोड़े की बग्घी : 10,000 रुपये।
- सहालग के दिनों में किराया बढ़कर 20,000 रुपये तक हो सकता है।
खास बात है कि अब शादी में परंपरागत रीति-रिवाज लौटने लगे हैं। एक समय था जब दुल्हन की विदाई डोली से ही होती थी। इसके लेकर फिल्मों में कई गीत भी बने। वक्त बदलने के साथ डोली की जगह चार पहिया वाहन ने ले ली। लेकिन, अब आधुनिक अंदाज के साथ डोलिया का रिवाज फिर चलन में आ गया है। दुल्हन की विदाई के लिए शाही डोली का ट्रेंड बढ़ रहा है। इसके लिए बकायदा कहारों को बुलाया जाता है। चार कहारों के साथ यह व्यवस्था 5,000 से 15,000 रुपये तक में उपलब्ध है। कुछ दूरी पर दुल्हन डोली में बैठने के बाद चार पहिया वाहन में दूल्हे के साथ चली जाती है। लेकिन, इससे पहले डोली के जरिए पांरपरिक तरीके से माहौल बनाया जाता है। फोटो और वीडियो शूट में इसका लुक बेहद अच्छा आता है। इसलिए इस पंरपरा का चलन नए अंदाज में बढ़ गया है।
वसंत पंचमी पर रिकॉर्ड शादियां
इस सहालग का सबसे बड़ा दिन वसंत पंचमी होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन कोई विशेष मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती, जिससे सबसे अधिक शादियों की संभावना बनती है। लखनऊ में इस दिन कोने-कोने में वैवाहिक समारोहों की धूम रहेगी।
- वसंत पंचमी (2 फरवरी) : 3,500 से 4,000 शादियां।
- 26 जनवरी : लगभग 3,000 शादियां।
- 28 जनवरी : करीब 2,000 शादियां।
समय के साथ वैवाहिक समारोह का अंदाज बदलता जा रहा है। परंपराएं आधुनिक स्वरूप के अनुसार ढलती नजर आ रही हैं। आज की पीढ़ी एक तरफ जहां प्री वेडिंग शूट से लेकर राजशाही थीम, विंटेज थीम, ईको फ्रेंडली थीम आदि के जरिए अपनी शादी को आधुनिक रंग दे रही है। वहीं पारंपरिक रीति-रिवाज भी इसका हिस्सा बन रहे हैं। वेडिंग इंडस्ट्री में आधुनिक सुविधाओं के साथ पुरानी परंपराओं से जुड़ी चीजों की मांग बढ़ा रही है। हर शादी में नए ट्रेंड्स और भव्य आयोजनों के साथ परंपराओं की झलक साफ नजर आ रही है।
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