उत्तर प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ा झटका सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है
यूपी में लाखों कर्मचारियों का वेतन रोका : संपत्ति विवरण न देने पर योगी सरकार का सख्त कदम, कई बार बढ़ाई गई डेडलाइन
Aug 21, 2024 18:08
Aug 21, 2024 18:08
संपत्ति विवरण के मामले में उदासीनता
मुख्य सचिव के अनुसार, राज्य में संपत्ति विवरण देने के मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से भारी लापरवाही देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश में करीब 20 लाख सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन अब तक केवल 30 प्रतिशत ने ही अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया है। यह स्थिति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर नाराजगी का कारण बनी है, जिसके चलते उन्होंने यह कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।
कई बार बढ़ाई गई डेडलाइन
शुरुआत में संपत्ति विवरण जमा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च निर्धारित की गई थी। लेकिन तकनीकी खामियों और कर्मचारियों की सुस्ती के चलते यह तारीख कई बार बढ़ाई गई। इसके बावजूद, अधिकतर कर्मचारियों और अधिकारियों ने अभी तक अपना विवरण जमा नहीं किया है। अब जब अगस्त माह आ चुका है और स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, तो राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए अंतिम चेतावनी जारी कर दी है। अगर निर्धारित तारीख तक सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी संपत्ति का विवरण दर्ज नहीं करते हैं, तो उनका वेतन रोक लिया जाएगा।
सरकार का सख्त रुख
इस फैसले से स्पष्ट है कि योगी सरकार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। इस आदेश से राज्य के सभी विभागों में हलचल मच गई है और उम्मीद की जा रही है कि अब जल्द ही सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपलोड करेंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस कदम को पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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