योगी आदित्यनाथ की सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है। ओम प्रकाश राजभर समेत 4 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। एक वक्त तक ओपी राजभर का सीएम योगी से मनमुटाव था।
यूपी कैबिनेट विस्तार 2024 : कभी योगी आदित्यनाथ से मनमुटाव में तोड़ा था गठबंधन, अब उन्हीं की सरकार में बने मंत्री
Mar 05, 2024 20:07
Mar 05, 2024 20:07
- योगी कैबिनेट का हुआ विस्तार
- ओपी राजभर बनाए गए मंत्री
- कभी ऑटो चलाते थे ओपी राजभर
ऑटो चलाते थे ओपी राजभर
ओम प्रकाश राजभर का जन्म 15 सितंबर 1962 को वाराणसी में हुआ था। उनके पिता कोयले की खदान में मजदूरी किया करते थे। घर खर्च में हाथ बंटाने के लिए राजभर खेती-किसानी भी किया करते थे। बताते हैं कि अपने छात्र जीवन में खर्च निकालने के लिए उन्हें ऑटो भी चलाया है। उन्होंने 1983 में वाराणसी के बलदेव डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है।
कांशीराम ने प्रभावित होकर राजनीति से जुड़े
ओम प्रकाश राजभर ने 1981 में सक्रिय राजनीति में एंट्री की। वह कांशीराम से बेहद प्रभावित थे। बसपा के साथ लंबे समय तक काम करने के बाद उन्हें पार्टी ने 1996 में जिलाध्यक्ष बनाया। कहते हैं कि साल 2001 में भदोही का नाम संतकबीर नगर रखने पर राजभर नाराज हो गए और 27 अक्टूबर 2002 को अपनी नई पार्टी सुभासपा बना ली।
पहले चुनाव में नहीं जीत सके एक भी सीट
ओम प्रकाश राजभर ने 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी और बिहार में अपने प्रत्याशी उतारे, मगर एक भी सीट नहीं जीत सके। हालांकि राजभर की पार्टी के अच्छे दिन भाजपा से गठबंधन के साथ शुरू हुए। 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजभर की पार्टी को 8 सीटें दीं। इसमें से सुभासपा ने 4 सीटें जीतीं। उन्हें योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री का पद दिया गया।
2019 में भाजपा के साथ रिश्तों में आई खटास
सुभासपा ने 2017 से लेकर 2019 तक भाजपा के साथ अच्छी दोस्ती निभाई, लेकिन 2019 के चुनाव से पहले इस रिश्ते में खटास आ गई। राजभर ने एनडीए का थामन छोड़ दिया। 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर सुभासपा ने चुनाव लड़ा और पार्टी के 6 विधायकों ने जीत दर्ज की।
सीएम योगी को लेकर दिया था बड़ा बयान
ओम प्रकाश राजभर ने भले ही अब योगी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ले ली हो, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब भाजपा के साथ अनबन के बाद उन्होंने सीएम योगी को लेकर बड़ा बयान दे दिया था। तब राजभर ने कहा था कि वह सीएम योगी को लखनऊ की गद्दी से हटाकर वहां भेजेंगे, जहां भीख मांगने की ट्रेनिंग दी जाती है। इतना ही नहीं, 2022 में एक इंटरव्यू के दौरान राजभर ने कहा था कि अगर ब्रह्मा भी आकर कह दें, तो भी मैं कभी भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा।
मुख्तार अंसारी से है पुराना नाता
ओम प्रकाश राजभर और माफिया मुख्तार अंसारी के बीच पुरानी दोस्ती है। उन्होंने फरवरी 2022 में कहा था कि वह बांदा जेल में जाकर मुख्तार अंसारी से मिलते रहते हैं। राजभर ने कहा था कि उनके अलावा किसी में हिम्मत नहीं है, जो जेल में जाकर मुख्तार से मुलाकात कर ले। उन्होंने एक बार ये भी कहा था कि योगी आदित्यनाथ उनकी हत्या करवाना चाहते हैं।
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