जहां स्क्रब टाइफस या लेप्टोस्पायरोसिस के मरीज पाए जा रहे हैं, वहां संबंधित परिवारों के पशुबाड़ों की सफाई सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। राज्य सर्विलांस प्रभारी डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि सभी जिलों में इन रोगों की जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यूपी के मैदानी इलाकों में भी स्क्रब टाइफस-लेप्टोस्पायरोसिस की दस्तक : स्वास्थ्य महकमे ने किया अलर्ट, जानें लक्षण
Oct 19, 2024 10:06
Oct 19, 2024 10:06
बढ़ रही है मरीजों की संख्या
प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के लगभग 12 और लेप्टोस्पायरोसिस के दो नए मरीज पाए गए हैं। दो दिन पहले रायबरेली में पांच मरीज मिले थे, जबकि बरेली और उन्नाव समेत अन्य जिलों में भी इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। पहले यह रोग केवल तराई क्षेत्रों में ही देखा जाता था। लेकिन, अब मैदानी इलाकों में भी फैलने लगा है। इस वजह से सभी जिलों के चिकित्सा अधीक्षकों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बुखार के मरीजों की जांच में डेंगू और मलेरिया के साथ-साथ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस की भी जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए।
संदिग्ध लक्षण वाले मरीज की तत्काल कराई जाए जांच
जहां स्क्रब टाइफस या लेप्टोस्पायरोसिस के मरीज पाए जा रहे हैं, वहां संबंधित परिवारों के पशुबाड़ों की सफाई सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। राज्य सर्विलांस प्रभारी डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि सभी जिलों में इन रोगों की जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं और चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी संदिग्ध लक्षण वाले मरीज की तत्काल जांच कराई जाए।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
केजीएमयू के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनिल गंगवार ने बताया कि स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स (लाल रंग के मकड़ी जैसे कीड़े) के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, और शरीर में दर्द शामिल हैं। कीड़े के काटने वाली जगह पर पपड़ी जैसी बनावट भी हो जाती है। राहत वाली बात है कि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। लेकिन, इसके प्रकोप से बचने के लिए सावधानी जरूरी है।
लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण
लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरिया जनित रोग है, जो लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया चूहों के पेशाब में पाया जाता है, जो गंदे पानी के जरिए मानव शरीर में पहुंचता है। इससे संक्रमित होने पर तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसे लक्षण उभरते हैं। यह रोग लीवर और किडनी को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसका तुरंत इलाज कराना आवश्यक है।
रोगों से बचाव के लिए जरूरी उपाय
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ग्रस्त और जलभराव वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। लोगों को साफ-सफाई का ध्यान रखने, चूहों और अन्य जानवरों से बचने, और खुले में गंदगी से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी गई है।
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