लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमान को मिला पद्मश्री पुरस्कार आर धीमान ने एसजीपीजीआई से ही मेडिकल साइंस में किया था पोस्ट ग्रेजुएट धीमान ने कहा यह मेरे लिए बहुत भावुकता का पाल है जहां से पढ़ाई की वही का निदेशक होते हुए मिला उच्च सम्मान...
Lucknow News : एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आर के धीमन को मिला पद्मश्री, आर के धीमन ने कहा दिवंगत माता-पिता को पुरस्कार समर्पित
![एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आर के धीमन को मिला पद्मश्री, आर के धीमन ने कहा दिवंगत माता-पिता को पुरस्कार समर्पित](https://image.uttarpradeshtimes.com/img-20240510-wa0002-32296.jpg)
May 10, 2024 13:26
May 10, 2024 13:26
पद्मश्री मिलने के बाद बोले- देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री मिलने के बाद एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डॉक्टर आरके धीमन ने कहां की मरीज का स्वस्थ होना डॉक्टर के लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है पद्मश्री का यह अवार्ड सिर्फ मेरे लिए नहीं मेरे साथ जिन्होंने भी काम किया है सभी इसके हकदार हैं यह पुरस्कार में अपने दिवंगत माता-पिता को समर्पित करता हूं।
इसलिए मिला पद्मश्री- उत्तर प्रदेश टाइम्स से खास बातचीत में डॉ आर के धीमन ने बताया था कि जब वह पीजीआई चंडीगढ़ में थे तब वहां की सरकार की सबसे बड़ी समस्या हेपेटाइटिस सी यानी कल पी लिया था जिसके कैसे लगातार बढ़ते जा रहे थे हर साल हेपेटाइटिस सी के 10 लाख मरीज सामने आने लगे जिसमें से पीजीआई चंडीगढ़ में एक साल में केवल 1000 से लेकर 2000 तक मरीजों का ही इलाज हो पता था पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कल पी लिया मरीज के इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ के लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरके धीमान को एक मॉडल तैयार करने के लिए कहा बताते चले काला पीलिया का इलाज सही से न होने पर वह लिवर कैंसर में बदल जाता था पंजाब में काला पीलिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही थी जिस दौरान डॉक्टर आरके धीमन ने पंजाब में 25 अलग-अलग सेंटर्स में अस्पतालों को चुनाव और डॉक्टर और पैरामेडिकल टीम को ट्रेंड किया।
कोविड के समय में किया बेहतर काम- उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी का पहला केस लखनऊ में आया था जिसमें बॉलीवुड की सिंगर कनिका कपूर लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती हुई थी जिसके बाद लगातार मामले बढ़ते गए वहीं कोविड के दौरान एसजीपीजीआई ने अन्य अस्पतालों के डॉक्टर और मेडिकल टीम को ट्रेनिंग दी जिससे इस सिचुएशन से लड़ा जा सके और कम समय में बेहतर मैनेजमेंट किया जा सके इस इलाज के पैटर्न को पूरे देश में लागू किया गया जिसकी सराहना विदेश में भी हुई।
ऑर्गन डोनेशन मॉडल बनाया- डॉ आर के धीमन ने एक तरफ जहां काला पीलिया का इलाज खोजा वहीं दूसरी तरफ ऑर्गन डोनेशन का मॉडल भी चंडीगढ़ में बनाया था यह पहली बार था कि आरटीओ के साथ मिलकर किसी अस्पताल ने ऐसा काम किया जिसमें महेश 2 से 3 साल के अंदर ऑर्गन डोनेशन के मामले बढ़ने लगे जानकारी के अनुसार 1 साल में 47 ब्रायन डेट पेशेंट के अंग डोनेट किए गए थे।
एसजीपीजीआई से की थी पढ़ाई- एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डॉक्टर आरके धीमन ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के केजीएमयू से अपना एमबीबीएस पूरा करने के बाद एमडी की पढ़ाई एसजीपीजीआई से ही कि थी। यह उनके लिए बहुत ही भावुकता का पाल है कि जिस कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की आज उसी के निदेशक होते हुए उन्हें भारत का सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री मिला है।
Also Read
![किन्नरों ने सीएमओ कार्यालय में किया हंगामा किन्नरों ने सीएमओ कार्यालय में किया हंगामा](https://image.uttarpradeshtimes.com/third-gender-2152.jpg)
6 Jul 2024 09:41 PM
मोहनलालगंज सीएचसी में मेडिकोलीगल गलत बनाए जाने से नाराज किन्नरों ने शनिवार को सीएमओ कार्यालय में हंगामा किया। और पढ़ें