शकुंतला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : आनंदीबेन पटेल ने कहा- दिव्यांगजनों और सामान्य विद्यार्थियों के लिए होने चाहिए अलग मेडल 

आनंदीबेन पटेल ने कहा- दिव्यांगजनों और सामान्य विद्यार्थियों के लिए होने चाहिए अलग मेडल 
UPT | शकुंतला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह

Sep 13, 2024 22:27

डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को कुल 1615 उपाधियां एवं 159 पदक प्रदान किए गए। जिसमें से 59 स्वर्ण, 50 रजत एवं 50 कांस्य पदक शामिल थे।

Sep 13, 2024 22:27

Short Highlights
  • दीक्षांत समारोह में 1615 उपाधियां और 159 पदक दिए गए
  • चिन्मय शुक्ला को मिला कुलाध्यक्ष स्वर्ण पदक
Lucknow News : दिव्यांगजनों और समान्य विद्यार्थियों के लिए अलग मेडल होने चाहिए। अगले साल अलग-अलग मेरिट लिस्ट बनाई जाए। ऐसा कार्यक्रम विद्यार्थियों के अभिवावकों के लिए गौरवशाली पल होता है। दिव्यांग बच्चों के पीछे माता-पिता को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह बात शुक्रवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही। 

मार्कशीट भी डिजीलॉकर पर की जाएं अपलोड 
राज्यपाल ने कहा कि डिजिलॉकर के मध्यम से सभी विद्यार्थियों की डिग्रियां अपलोड कर दी गई हैं। जिससे संस्थान आने की जरूरत न हो। डिग्रियों के साथ मार्कशीट भी डिजीलॉकर पर अपलोड की जाएं। सब कुछ ऑनलाइन होना चाहिए। यूपी के सभी विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल के जरिए काम कर रहे हैं। एडमिशन, फीस, परीक्षा समेत सभी अन्य कार्य पोर्टल के माध्यम से होना चाहिए। समारोह में विद्यार्थियों को कुल 1615 उपाधियां एवं 159 पदक प्रदान किए गए। जिसमें से 59 स्वर्ण, 50 रजत एवं 50 कांस्य पदक शामिल थे। सभी उपाधियों को डिजिलॉकर के माध्यम से विद्यार्थियों को भेजी गयी। इस दौरान राज्यपाल ने दीक्षांत स्मारिका का विमोचन किया।

यूपी के दिव्यांग सबसे मेहनती
मुख्य अतिथि मुरलीकांत पेटकर ने कहा कि देश के सभी प्रदेशों में गया हूं, लेकिन उत्तर प्रदेश से ज्यादा तेज और मेहनती दिव्यांग कहीं नहीं देखा। शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के लिए सबसे उत्तम व्यवस्था है। कहीं अच्छे छात्र या खिलाड़ी होते हैं तो कोच अच्छे नहीं मिलते और कहीं अच्छे कोच होते हैं तो खिलाड़ी अच्छे नहीं मिलते। यहां मैंने देखा विद्यार्थियों के लिए कोच अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि अपने मेडल इसलिए लगाकर चलता हूं क्योंकि आप इसे देखकर प्रेरणा ले सकें। छात्रों को देश की पहली महिला पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट दीपा मालिक के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी मोबाइल कोर्ट
दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री यूपी सरकार नरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के द्वारा राज्य दिव्याग आयुक्त के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं का निस्तारण लखनऊ स्थित कार्यालय से किया जा रहा है, वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुए मोबाइल कोर्ट के माध्यम से विभिन्न जनपदों में राज्य दिव्यांग आयुक्त द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी आदि जनपदों में मोबाइल कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जा रहा है। मोबाइल कोर्ट व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है। इसके साथ ही दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए मुफ्त कानूनी सहायता, परामर्श और न्यायिक प्रक्रियाओं में सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगजन अपने अधिकारों से वंचित न हों और उन्हें न्याय प्राप्त हो।

चिन्मय शुक्ला को मिला कुलाध्यक्ष स्वर्ण पदक
दीक्षांत समारोह में एमटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग के छात्र चिन्मय शुक्ला को सभी विभागों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कुलाध्यक्ष स्वर्ण पदक दिया गया है। उन्हें विभाग से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री और कुलपति स्वर्ण पदक भी दिया गया। एमएससी सांख्यिकी की छात्रा आकांक्षा मिश्रा को कुलाध्यक्ष रजत पदक के साथ मुख्यमंत्री व कुलपति स्वर्ण पदक दिया गया है। बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र शिवांश कुमार चौबे को कुलाध्यक्ष कांस्य पदक के साथ.साथ मुख्यमंत्री रजत पदक व कुलपति स्वर्ण पदक दिया गया है।
 

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