राशिद ने निवेशकों की रकम को शेल कंपनियों के जरिए ठिकाना लगाया। शेल कंपनियां वे कम्पनियां हैं, जो आमतौर पर केवल कागजों पर चलती हैं और रुपए का लेनदेन नहीं करती लेकिन, मनी लॉन्ड्रिंग का आसान जरिया होती हैं।
Shine City Fraud: भगोड़े राशिद नसीम की विदेश में संपत्ति होगी जब्त, शिकंजा कसने की तैयारी में ईडी
Jul 11, 2024 15:02
Jul 11, 2024 15:02
दुबई में बनाया है ठिकाना
प्रवर्तन निदेशालय इसके जरिए राशिद नसीम की विदेशों में खरीदी गयी संपत्तियों को जब्त करने को लेकर कदम उठा सकेगी। इस एक्ट के तहत चर्चित उद्योगपति विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत देश के 14 भगोड़े अपराधियों के खिलाफ एक्शन लिया जा चुका है। अब शाइन सिटी के निवेशकों का करीब 60 हजार करोड़ हड़पने के बाद फरार राशि नसीम पर इसके तहत कार्रवाई की जाएगी। देश से फरार होने के बाद राशिद नसीम ने दुबई में अपना ठिकाना बनाया हुआ है।
इस आधार पर ईडी एक्शन लेने की तैयारी में
इस एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया जा सकता है, अगर उसके खिलाफ किसी अपराध के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, जिसमें 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि शामिल है। वह देश छोड़कर चला गया है और अभियोजन का सामना करने के लिए वापस आने से इनकार करता हो। किसी व्यक्ति को एफईओ घोषित करने के लिए, एक विशेष न्यायालय (धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत नामित) में एक आवेदन दायर किया जाता है, जिसमें जब्त की जाने वाली संपत्तियों का विवरण और व्यक्ति के ठिकाने के बारे में जानकारी दी जाती है। विशेष न्यायालय का नोटिस जारी होने से कम से कम छह सप्ताह के भीतर व्यक्ति को उपस्थित होना होता है। एफईओ घोषित होने पर किसी व्यक्ति की संपत्ति जब्त की जा सकती है और केंद्र सरकार को सौंपी जा सकती है। यह संपत्ति किसी भी तरह के अधिकार और दावे से मुक्त होगी। इसके अलावा एफईओ या उससे जुड़ी किसी भी कंपनी को सिविल दावे दायर करने या उनका बचाव करने से रोका जा सकता है। राशिद नसीम के मामले में एफईओ की शर्तें लागू होने के कारण इस एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी है।
शेल कंपनियों के जरिए निवेशकों की रकम लगाई ठिकाने
अभी तक की जानकारी में सामने आया है कि राशिद नसीम भारत से फरार होने के बाद विदेश में पनाह लिए हुए है। वहां से वह अपने कारोबार को भी आगे बढ़ रहा है। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ उसके दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में हीरे का कारोबार करने की बात सामने आई है। इस बारे में कई सबूत भी हाथ लगे हैं। इसके आधार पर राशिद नसीम की विदेश में खोली गई कंपनियों की पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि राशिद ने निवेशकों की रकम को शेल कंपनियों के जरिए ठिकाना लगाया। शेल कंपनियां वे कम्पनियां हैं, जो आमतौर पर केवल कागजों पर चलती हैं और रुपए का लेनदेन नहीं करती लेकिन, मनी लॉन्ड्रिंग का आसान जरिया होती हैं। राशिद नसीम ने शेल कंपनियों के जरिये अपनी विदेश की कंपनियों के खातों में निवेशकों का धन ट्रांसफर किया। इनके जरिए कई संपत्तियों की खरीद की गई। अब प्रवर्तन निदेशालय इन संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने की कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसके लिए ऐसी संपत्तियों की लिस्ट बनाई जा रही है।
देश से भागने के बाद ग्लोबल ब्रांड किया घोषित
महाठग राशिद नसीम ने दुबई जाकर खुद का ग्लोबल ब्रांड घोषित कर दिया था। वह पहले से दुबई से कई देशों में हीरे-सोने का व्यापार करता आया है। वर्ष 2018 में उसने अमेरिका, लंदन, न्यूजीलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, आयरलैंड, हांगकांग, सिंगापुर, नार्वे, स्विटजरलैंड, फिनलैंड, मलेशिया, जार्जिया देशों में अपनी कम्पनियां शुरू करने की घोषणा की थी। राशिद नसीम पर लोगों को प्लाट, रुपए दोगुना करने, सोने और हीरे में निवेश कराने एवं अन्य लुभावनी योजनाओं में फंसाकर 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी करने का आरोप है।
गोमतीनगर में 400 से अधिक मामले हैं दर्ज
राशिद नसीम की पत्नी और भाई समेत उसकी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी समेत करीब 50 आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी हैं। राशिद नसीम के खिलाफ देश भर में पांच हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 400 से अधिक मुकदमे तो सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही दर्ज हैं। इनकी जांच इओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) कर रही है। इसके अलावा राशिद के खिलाफ ईडी भी काईवाई कर रही है। राशिद नसीम प्रयागराज करेली के जीबीटी नगर का रहने वाला था। राशिद नसीम को वर्ष 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था। बाद में नेपाल से उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह दुबई भाग गया था। अब सारा माल समेट कर वह दुबई से ठगी का नेटवर्क चला रहा है।
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