मेटा कंपनी जो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म का संचालन करती है, यूपी पुलिस के साथ मिलकर आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए एक विशेष तंत्र तैयार किया है।
सोशल मीडिया अलर्ट ने बचाई 10 लोगों की जान : डीजीपी बोले- यूपी पुलिस और मेटा कंपनी के सहयोग से हुई त्वरित कार्रवाई
Sep 06, 2024 15:33
Sep 06, 2024 15:33
सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर अलर्ट
मेटा कंपनी जो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म का संचालन करती है, यूपी पुलिस के साथ मिलकर आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए एक विशेष तंत्र तैयार किया है। जैसे ही कोई व्यक्ति इन प्लेटफार्म्स पर आत्महत्या के संकेत देने वाली पोस्ट डालता है, मेटा कंपनी के मुख्यालय से यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को तुरंत फोन या ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजा जाता है।
14 अलर्ट में 10 लोगों की जान बची
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, बीते सप्ताह के दौरान यूपी पुलिस को ऐसे 14 मामलों का अलर्ट प्राप्त हुआ था। इनमें से 10 मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए लोगों की जान बचाई। बाकी चार मामलों में स्थान का स्पष्ट न होने, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में होने, और फोन के बंद होने के कारण पुलिस की मदद समय पर नहीं पहुंच सकी।
मेटा-यूपी पुलिस का सहयोग
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ऐसे मामलों में मेटा से भेजे गए अलर्ट का तत्काल संज्ञान लिया जाता है, और संबंधित थाने को सक्रिय कर दिया जाता है। यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम और यूपी-112 के वाहनों के माध्यम से पुलिस कुछ ही मिनटों में उस स्थान पर पहुंचकर जानलेवा स्थिति को नियंत्रित करती है। मेटा कंपनी के साथ यूपी पुलिस का यह सहयोग आत्महत्या के मामलों को रोकने के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर में इसके लिए एक विशेष डेस्क स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे सक्रिय रहता है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करता है। जब भी किसी व्यक्ति द्वारा फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से जुड़ा कोई संदेश पोस्ट किया जाता है, मेटा कंपनी तुरंत पुलिस को सूचित करती है।
जान बचाने के बाद होती है काउंसलिंग
यूपी पुलिस न केवल आत्महत्या के प्रयास को रोकने पर ध्यान देती है, बल्कि जान बचाने के बाद संबंधित व्यक्ति की मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए काउंसलिंग भी कराई जाती है। इस कदम का उद्देश्य यह है कि उन लोगों को फिर से आत्मघाती कदम उठाने से रोका जा सके। काउंसलिंग से उन्हें मानसिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान किया जाता है ताकि वे जीवन की कठिनाइयों का सामना सकारात्मक रूप से कर सकें।
कुछ मामलों में सहायता नहीं पहुंच पाई
हालांकि 10 लोगों की जान बचाई जा चुकी है, लेकिन चार मामलों में पुलिस सहायता समय पर नहीं पहुंच सकी। मेटा कंपनी से भेजे गए अलर्ट में स्थान की अस्पष्टता, अन्य राज्य का मामला होने, या फोन बंद होने जैसी चुनौतियों के कारण पुलिस मदद नहीं भेज पाई। पुलिस ने इस बात पर भी ध्यान दिया है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इस प्रकार की सहायता पहुंचाना कठिन हो सकता है।
त्वरित कार्यवाही से बचाई गई जानें
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कानपुर जिले में बीएससी की छात्रा पूजा, लखनऊ की एक बीए की छात्रा, और कुशीनगर में सिपाही भर्ती परीक्षा देने आए एक युवक ने आत्महत्या करने की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। इन पोस्ट्स में यह कहा गया था कि वे दुनिया से विदा लेने वाले हैं। जैसे ही मेटा कंपनी को इन पोस्ट्स की जानकारी मिली, तुरंत यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को सूचित किया गया। पुलिस की टीम ने सक्रिय होते हुए संबंधित थानों और यूपी-112 को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस की त्वरित कार्यवाही से इन लोगों की जान बचाई गई।
आधुनिक तकनीक के उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण
यूपी पुलिस और मेटा कंपनी के बीच यह सहयोग न केवल आधुनिक तकनीक के उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि सही समय पर मिली जानकारी से कितनी बड़ी आपदा को रोका जा सकता है। पुलिस और मेटा के इस संयुक्त प्रयास ने अब तक 10 लोगों की जिंदगी बचाई है, और यह पहल भविष्य में भी कई और लोगों को जीवन की ओर वापस लाने में सहायक होगी। इस प्रकार की प्रणाली का निर्माण और उसका सही उपयोग समाज को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, जहां तकनीक और त्वरित पुलिस कार्रवाई के माध्यम से अनगिनत जिंदगियों को बचाया जा सकता है।
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