दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जिस तरह से पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं, उसके बाद उपचुनाव में हार तय होने के बावजूद प्रत्याशी खड़ा किया जाए। इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य की रिक्त सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारेगी सपा, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कर रहा मंथन
![भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कर रहा मंथन](https://image.uttarpradeshtimes.com/up-politics-76331.jpg)
Jun 29, 2024 11:50
Jun 29, 2024 11:50
- संख्याबल कम होने के कारण अखिलेश यादव का एमएलसी चुनाव से दूर रहने का फैसला
- विधानसभा की रिक्त 10 सीटों को लेकर भाजपा और विपक्ष होगा आमने सामने
विधानसभा में विधायकों की स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 249 विधायक हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के 103 सदस्य हैं। इसके अलावा एनडीए के सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, राष्ट्रीय लोक दल के 8, निषाद पार्टी के 5 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 सदस्य हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 5 हैं। ऐसे में सदन में विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा प्रत्याशी की जीत तय है। इसी की वजह से सपा एमएलसी उपचुनाव से दूर रहना चाहती है।
निर्विरोध चुना जाएगा भाजपा प्रत्याशी
दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जिस तरह से पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं, उसके बाद उपचुनाव में हार तय होने के बावजूद प्रत्याशी खड़ा किया जाए। इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा। ऐसे में पार्टी ने उपचुनाव से दूर रहने का फैसला किया है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि सत्ता पक्ष से भी अभी तक उम्मीदवार के नाम पर फैसला नहीं किया गया है। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय नेतृत्व ही उपचुनाव के लिए प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाएगा।
विधानसभा की रिक्त सीटों पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को भेजे जाएंगे नाम
इसके साथ ही विधानसभा की रिक्त 10 सीटों पर ही प्रत्याशी को लेकर अंतिम निर्णय भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में 10 उम्मीदवारों के नाम का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजने का फैसला किया गया है। 14 जुलाई को इस संबंध में लखनऊ में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रत्येक सीट पर तीन उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे। इसके बाद इसे शीर्ष नेतृत्व को भेजा जाएगा। वहां से जिन प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगेगी, वह उपचुनाव लड़ेंगे।
2 जुलाई को है नामांकन की अंतिम तारीख
स्वामी प्रसाद की रिक्त सीट पर नामांकन के लिए 2 जुलाई अंतिम तारीख है। इसके बाद 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 5 जुलाई तक नाम वापस लिया जा सकता है। 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन शाम पांच बजे के बाद मतगणना होगी। 2 जुलाई से पहले भाजपा नेतृत्व की ओर से प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी।
उपचुनाव को लेकर सहयोगी दलों से बातचीत
वहीं विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर भी भाजपा अपने सहयोगी दलों से बातचीत कर रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बातचीत की। माना जा रहा है कि इस दौरान सुभासपा विधायक बेदी राम के प्रकरण में ओपी राजभर ने अपना पक्ष रखा। पेपर लीक मामले में वीडियो वायरल होने के बाद बेदी राम की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। वहीं बताया जा रहा कि भाजपा नेताओं के साथ बैठक में ओपी राजभर ने उपचुनाव को लेकर राजनीतिक परिस्थितियों पर भी चर्चा की।
उपचुनाव में रोचक होगी लड़ाई
उधर विधानसभा की रिक्त सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी में भी प्रत्याशी अपनी दावेदारी करने में जुट गए हैं। कांग्रेस भी उपचुनाव में सीटें चाहती हैं। ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बारे में अंतिम निर्णय करेंगे। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती भी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना चुकी हैं, तो आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर भी इसका ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में उपचुनाव में रोचक लड़ाई देखने को मिलेगी।
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