टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल में चार वर्षों के दौरान अस्पताल में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई। वर्ष 2020 में जहां 45,761 मरीज ओपीडी में पहुंचे थे, वहीं 2024 तक यह संख्या 1,23,517 हो गई। यह 63 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
आयुर्वेदिक इलाज पर बढ़ा भरोसा : टूड़ियागंज चिकित्सालय में मरीजों की संख्या एक लाख पार, इन बीमारियों के आ रहे मरीज
Jan 08, 2025 07:51
Jan 08, 2025 07:51
मरीजों की संख्या एक लाख के पार
लखनऊ के टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल में 2024 में मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई। चिकित्सक खुद कह रहे हैं कि कोविड महामारी के बाद आयुर्वेद के प्रति लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ा है। आयुर्वेदिक उपचार में बेहतर परिणाम और आधुनिक सुविधाओं ने इस विश्वास को और मजबूत किया है।
मरीजों की संख्या में तेज वृद्धि
चार वर्षों के दौरान अस्पताल में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई। वर्ष 2020 में जहां 45,761 मरीज ओपीडी में पहुंचे थे, वहीं 2024 तक यह संख्या 1,23,517 हो गई। यह 63 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। खासतौर पर 2022 से 2024 के बीच मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया।
वर्ष मरीजों की संख्या
2020 45,761
2021 65,076
2022 1,06,118
2023 1,19,242
2024 1,23,517
अस्पताल की सुविधाएं और विभाग
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इलाज के लिए प्रतिदिन 500-600 मरीज पहुंचते हैं। अस्पताल में 150 बेड की सुविधा उपलब्ध है, जहां गंभीर बीमारियों जैसे बवासीर और भगंदर का इलाज किया जाता है। यहां जांच के साथ-साथ एक्स-रे और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। प्राचार्य डॉ. माखनलाल के अनुसार, अस्पताल में कई विभाग सक्रिय रूप से संचालित हैं, जिनमें शामिल हैं:
- काय चिकित्सा (मेडिसिन)
- शल्यतंत्र (सर्जरी)
- शालाक्य (ईएनटी और नेत्र रोग)
- पंचकर्म विभाग
- बाल रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग
- स्वस्थकृत एवं योग
- प्रकृति परीक्षण विभाग
स्वर्णप्राशन और विशेष शिविरों की लोकप्रियता
बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. महेश नारायण गुप्ता के निर्देशन में हर माह स्वर्णप्राशन का विशेष शिविर आयोजित किया जाता है। स्वर्णप्राशन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, पाइल्स और गठिया जैसी बीमारियों के लिए विशेष शिविर लगाए जाते हैं, जिनसे मरीजों को बड़ी राहत मिली है।
आधुनिक तकनीक और प्राचीन पद्धति का समन्वय
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, कोविड के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सा में लोगों का भरोसा बढ़ा है। आयुर्वेदिक पद्धति से होने वाले सकारात्मक परिणाम और रोगों का प्रभावी उपचार इसकी लोकप्रियता का प्रमुख कारण हैं। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज आधुनिक तकनीक और आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति का बेहतरीन समन्वय पेश कर रहा है। अस्पताल के प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यहां मरीजों के लिए आधुनिक जांच सुविधाओं के साथ पारंपरिक उपचार पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है।
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