पुल ढहने से शुक्लागंज और आसपास के क्षेत्रों में नाराजगी और दुख का माहौल है। स्थानीय निवासी इसे प्रशासन की उदासीनता का नतीजा मानते...
अंग्रेजों के जमाने का पुल गंगा में समाया : जर्जर होने के कारण 4 साल से था बंद, स्थानीय लोगों और प्रशासन में अफरातफरी
Nov 26, 2024 11:37
Nov 26, 2024 11:37
पुल ढहने की घटना
गंगा नदी पर बने इस पुल का एक हिस्सा सुबह अचानक भरभराकर गिर गया। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिससे घटना ने तेजी से सुर्खियां बटोरीं। पुल के टूटने से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि इसे चार साल पहले ही बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने पुल के दोनों छोर पर दीवारें और बैरिकेड्स लगाकर यातायात रोकने की कोशिश की थी।
अंग्रेजों के जमाने का पुल गंगा में समाया
यह पुल ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था और लंबे समय तक कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाले एक प्रमुख मार्ग के रूप में उपयोग में था। हालांकि, वर्ष 2021 में पुल की कोठियों में दरारें आने और इसकी संरचना कमजोर होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। विशेषज्ञों की एक टीम ने पुल की मरम्मत के लिए 29.50 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
डीएम का बयान
पुल ढहने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और इलाके को सुरक्षित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए। यातायात बाधित होने से वैकल्पिक मार्गों पर दबाव बढ़ गया है। जिला अधिकारी ने कहा, "पुल के गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम जांच कर रहे हैं कि मरम्मत का कार्य क्यों नहीं किया गया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।"
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पुल ढहने से शुक्लागंज और आसपास के क्षेत्रों में नाराजगी और दुख का माहौल है। स्थानीय निवासी इसे प्रशासन की उदासीनता का नतीजा मानते हैं। "यह पुल न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर था बल्कि हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग भी था। इसे बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए," एक स्थानीय निवासी ने कहा। प्रशासन ने पुल गिरने के कारणों की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक नई टीम गठित की है। वहीं पुल के अवशेषों को हटाने और क्षेत्र को सुरक्षित बनाने का काम प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
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