गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना इस दिशा में एक बड़ी पहल है। गोरखपुर के ताल नदोर में बनने वाला पशु चिकित्सा महाविद्यालय 80 एकड़ में फैला होगा और इसके निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण का निर्माण कार्य, जिसकी लागत 277 करोड़ रुपये है, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
UP News : दूध उत्पादन में नंबर वन बनेगा प्रदेश, गोरखपुर-भदोही में बन रहे पशु चिकित्सा महाविद्यालय
Dec 11, 2024 17:55
Dec 11, 2024 17:55
गोरक्षपीठ से प्रेरित मॉडल
गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर की गोशाला देशी गोवंश संरक्षण का एक ऐतिहासिक उदाहरण है। यह गोशाला विभिन्न देशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं, इस परंपरा को राज्यभर में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार की नीतियों में निराश्रित गोवंश की देखभाल, गोपालकों को प्रोत्साहन, और पशुओं की नस्ल सुधार के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है।
दूध उत्पादन में उत्तर प्रदेश की स्थिति
वर्तमान में उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य में करीब 0.66 करोड़ दुधारू गायें हैं, जिनसे कुल 5.29 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है। इस उत्पादन में 4.2 मिलियन टन योगदान देशी नस्ल की गायों का है। देशी नस्ल की गायों का दूध गुणवत्ता और पोषण के मामले में विदेशी नस्ल की गायों से बेहतर माना जाता है।
देशी नस्लों पर विशेष ध्यान
सरकार का फोकस देशी नस्ल के गोवंश के संरक्षण पर है। देशी गायें भारतीय जलवायु और परिस्थितियों के अनुरूप होती हैं, जिससे इन्हें पालना और देखभाल करना अपेक्षाकृत आसान है। राज्य सरकार नियमित टीकाकरण, नस्ल सुधार, और आधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने पर काम कर रही है।
पशु चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना
गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना इस दिशा में एक बड़ी पहल है। गोरखपुर के ताल नदोर में बनने वाला पशु चिकित्सा महाविद्यालय 80 एकड़ में फैला होगा और इसके निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण का निर्माण कार्य, जिसकी लागत 277 करोड़ रुपये है, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। सरकार ने हाल ही में इस परियोजना का निरीक्षण किया और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि महाविद्यालय में पशुओं के रहने के लिए पर्याप्त स्थान, चारागाह, और गो सरोवर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों।
शोध और विकास के लाभ
गोरखपुर और भदोही में स्थापित हो रहे ये महाविद्यालय पशुपालकों और किसानों के लिए एक ज्ञान का केंद्र बनेंगे। यहां होने वाले अनुसंधान से देशी नस्लों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और पशुपालकों को नई तकनीक और संसाधनों का लाभ मिलेगा। यह विशेष रूप से पूर्वांचल के 24 जिलों के किसानों के लिए लाभकारी होगा।
प्रदेश के लिए भविष्य की राह
सरकार का मानना है कि इन योजनाओं और प्रयासों के जरिए उत्तर प्रदेश न केवल दूध उत्पादन में, बल्कि गुणवत्ता और उत्पादकता के मामले में भी देश का अग्रणी राज्य बनेगा। राज्य सरकार की ये पहल न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक होंगी, बल्कि पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएंगी।
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