संजय निषाद ने कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है और उनकी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि हम सीट के लिए नहींं जीत के लिए खड़े हैं। परिस्थितियों के हिसाब से कभी कभी काम करना पड़ता है। पिछली सरकार ने हमें ओबीसी में डालकर अन्याय किया है।
यूपी उपचुनाव : सीट नहीं मिलने पर संजय निषाद बने सत्ताईस के खेवनहार, बोले- परिस्थितियों के हिसाब से करना पड़ता है काम
Oct 25, 2024 11:34
Oct 25, 2024 11:34
विपक्ष के लोग बनाते हैं गलत नैरेटिव
संजय निषाद ने कहा कि हम एनडीए प्रत्याशियों को जिताने के लिए काम करेंगे। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष से जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उसे हमारी कोर कमेटी को बताया गया। आरक्षण के मुद्दे पर बैठक में तय हुआ कि हम आगे इस पर बात करेंगे कि इसे कैसे करना है। हमारे मंडल कमेटी के लोग, मंडल कॉर्डिनेटर सभी को सही बात बताई गई क्योंकि विपक्ष के लोग गलत नैरेटिव बनाते हैं। संजय निषाद ने कहा कि हमारी शुरू से यही मांग है, हमारे मुद्दें वहीं हैं, जिनके लिए हमने बलिदान दिया है, हमारे लिए आरक्षण प्रथम मुद्दा है।
अन्याय के खिलाफ लड़ रही निषाद पार्टी
संजय निषाद ने कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है और उनकी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। साथ ही, उन्होंने उपचुनाव में भाजपा को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि हम सीट के लिए नहींं जीत के लिए खड़े हैं। परिस्थितियों के हिसाब से कभी कभी काम करना पड़ता है। पिछली सरकार ने हमें ओबीसी में डालकर अन्याय किया है।
भ्रम फैलाने का नहीं करते हैं काम
संजय निषाद ने उपचुनाव में भाजपा और एनडीए की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि हम जनता के मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में हैं और 9 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार जीतेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम भ्रम फैलाने का काम नहीं करते, बल्कि लोगों के हित में निर्णय करते हैं। ऐसे में, जनता का समर्थन एनडीए को मिलेगा।
एनडीए के भीतर कोई अलगाव नहीं
दरअसल भाजपा लगातार यह दावा कर रही है कि एनडीए में किसी प्रकार का कोई अलगाव नहीं है। संजय निषाद ने भी इस एकता को दिखाने के लिए लखनऊ से दिल्ली तक अपनी मांगों को उठाया। लेकिन, शुक्रवार को वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने और कैडर को एकजुट करने का संदेश दे रहे थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी कहा कि
गठबंधन धर्म का पालन करते हुए हमने काम किया है। ओपी राजभर, अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद और भाजपा मिलकर उपचुनाव में लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।
अखिलेश यादव के पोस्टर का इस तहर दिया गया जवाब
इस बीच लखनऊ में संजय निषाद के समर्थन में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उन्हें 'सत्ताईस के खेवनहार' करार दिया गया है। यह पोस्टर सीधे तौर पर अखिलेश यादव के हाल के पोस्टर का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उन्हें 'सत्ताईस का सत्ताधीश' बताया गया था। इस पोस्टर वार से यह साफ हो जाता है कि राजनीति में प्रतीकात्मकता और प्रचार कितना महत्वपूर्ण हो गया है।
सहयोगियों को साधने में भाजपा सफल
भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक विशेष रणनीति बनाई है। नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए एनडीए के सहयोगियों को साधने का काम किया गया है। मीरापुर विधानसभा सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को देकर किसी भी विवाद को टालने की कोशिश की गई, जबकि निषाद पार्टी की मझवां सीट पर भी डॉ. संजय निषाद को मनाकर एनडीए में एकता बनाए रखने पर जोर दिया गया।
टिकट बंटवारे में सधी हुई रणनीति
भाजपा ने उपचुनाव में एनडीए की निचले स्तर तक एकजुटता को दर्शाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। टिकट बंटवारे में भी सधी हुई रणनीति अपनाई गई है। अखिलेश यादव की रिक्त करहल सीट पर मुलायम परिवार से टिकट देकर एक सियासी संदेश दिया गया है। वहीं, गाजियाबाद सदर जैसी सीट पर पुराने कार्यकर्ता को टिकट देकर कैडर के प्रति निष्ठा और समर्पण का सम्मान करने का संदेश दिया गया है।
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