उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड को भंग करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने यह दावा किया है।
ओपी राजभर ने किया दावा : मदरसा बोर्ड भंग करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी यूपी सरकार
Apr 04, 2024 16:24
Apr 04, 2024 16:24
- मदरसा बोर्ड भंग करने के खिलाफ SC जाएगी सरकार
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
- ओपी राजभर ने किया है दावा
हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस संबंध में फैसला देते हुए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह एक्ट धर्मनिरपेक्षता से सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला है। इसके साथ ही कोर्ट ने मदरसों के छात्रों को बुनियादी शिक्षा व्यवस्था में समायोजित करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
मदरसा अजीजिया इजाजुतूल उलूम के मैनेजर अंजुम कादरी ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सर्वोच्च अदालत के कई ऐसे फैसले हैं, जिन पर बिना ध्यान दिए ही हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया है। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा कि इससे मदरसे में पढ़ने वाले लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होनी है।
यूपी बोर्ड मदरसा एक्ट 2004 में क्या है?
उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 यूपी सरकार द्वारा पारित एक कानून था, जो प्रदेश के मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाया गया था। इसके तहत मदरसों को बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने के लिए कुछ मानकों को पूरा करना पड़ता था। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले के बाद अब सभी अनुदानित मदरसे के अनुदान यानी सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि बंद हो जाएगी और अनुदानित मदरसे खत्म हो जाएंगे।
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