राज्य सरकार की ओर से पुलिस कर्मियों को भी मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। इसको लेकर डीएसपी मुख्यालय ने एक परिपत्र जारी किया गया है।
UP News : संपत्ति की जानकारी न देने पर डीएसपी का रुकेगा प्रमोशन, पोर्टल पर अपलोड करना होगा ब्योरा
Sep 01, 2024 16:33
Sep 01, 2024 16:33
पुलिस महकमे में इन पदों पर होगी प्रोन्नति
डीजीपी मुख्यालय की ओर से कहा गया है कि जो पुलिसकर्मी मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनकी प्रोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। इसका असर पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया में शामिल पुलिस कर्मियों पर भी पड़ेगा। चयन वर्ष 2023-24 प्रोन्नति कोटे में निरीक्षक नागरिक पुलिस, प्रतिसार निरीक्षक और दलनायक पीएसी की डीएसपी पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया चल रही है।
प्रोन्नति पर नहीं किया जाएगा विचार
मुख्य सचिव के पत्र के आधार पर डीजीपी मुख्यालय ने एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का विवरण समय पर नहीं प्रस्तुत करने पर इसे नकारात्मक रूप में लिया जाएगा। विभागीय चयन समिति की बैठक में तब तक किसी पुलिसकर्मी की प्रोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा, जब तक वे अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर प्रस्तुत नहीं कर देते हैं।
भारत में डीएसपी की पदोन्नति के नियम
- कई वर्षों की सेवा के बाद एक डीएसपी को राज्य सरकार के कानूनों के आधार पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में पदोन्नत किया जा सकता है।
- कुछ पुलिस इंस्पेक्टरों को उनके करियर के अंतिम वर्षों में डीएसपी के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है।
- लोगों को सीधे डीएसपी रैंक में भर्ती करने के लिए हर साल परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
- एक डीएसपी राज्य पुलिस बल का एक प्रमुख प्रतिनिधि होता है, जो अन्य पुलिस अधिकारियों का नेतृत्व करता है और उन्हें दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
- डीएसपी रैंक की पहचान कंधे के पट्टा पर एक स्टार के ऊपर एक राष्ट्रीय प्रतीक द्वारा की जाती है।
- कमिश्नरेट प्रणाली में डीएसपी के समकक्ष पद सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) होता है।
- यूपी और राजस्थान राज्यों में इस पद को सर्कल ऑफिसर (सीओ) के रूप में जाना जाता है।
- एक डीएसपी को पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक पर पदोन्नत होने में आमतौर पर 10 से 12 साल लगते हैं।
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