ई-कोर्ट प्लेटफार्म : यूपी में औद्योगिक विवादों के त्वरित समाधान के लिए शुरू होगी डिजिटल प्रणाली, श्रीट्रॉन को सौंपा गया जिम्मा

यूपी में औद्योगिक विवादों के त्वरित समाधान के लिए शुरू होगी डिजिटल प्रणाली, श्रीट्रॉन को सौंपा गया जिम्मा
UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 08, 2024 15:56

राज्य सरकार ने औद्योगिक विवादों के निस्तारण के लिए "ई-कोर्ट प्लेटफार्म" के निर्माण की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य डिजिटल माध्यम से विवादों के समाधान की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है।

Oct 08, 2024 15:56

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और औद्योगिक विवादों के त्वरित समाधान के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने औद्योगिक विवादों के निस्तारण के लिए "ई-कोर्ट प्लेटफार्म" के निर्माण की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य डिजिटल माध्यम से विवादों के समाधान की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है।

ई-कोर्ट से होगा त्वरित-पारदर्शी समाधान
प्रदेश सरकार ने इस प्लेटफार्म के निर्माण और विकास का जिम्मा श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सौंपा है। यह ई-कोर्ट प्लेटफार्म औद्योगिक विवादों के निस्तारण के लिए एक समग्र डिजिटल समाधान प्रदान करेगा, जिससे मामलों का प्रबंधन डिजिटल तरीके से किया जाएगा। यह प्लेटफार्म न केवल मामले दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि सभी पक्षों के लिए एक सहज इंटरफेस भी उपलब्ध कराएगा।



कैसे काम करेगा ई-कोर्ट प्लेटफार्म
यह प्रणाली औद्योगिक विवाद से संबंधित मामले दर्ज करने की सुविधा प्रदान करेगी, जहां पक्षकार अपने दस्तावेज और इनपुट आसानी से अपलोड कर सकेंगे। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रस्तुतियां कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं या नहीं। जैसे ही कोई मामला दर्ज किया जाएगा, सिस्टम स्वचालित रूप से एक यूनिक केस नंबर उत्पन्न करेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि मामला आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है और समीक्षाधीन है।

प्रभावी प्रबंधन-त्वरित सुनवाई का लाभ
इस ई-कोर्ट प्लेटफार्म के जरिए मामलों के प्रबंधन और निपटारे की प्रक्रिया में स्वचालन होगा, जिससे न्यायालय में केस की स्वीकृति से लेकर समाधान तक की पूरी प्रक्रिया को ट्रैक करना संभव होगा। इसके अतिरिक्त, न्यायालय के कर्मचारियों के लिए मामलों की समीक्षा और सत्यापन के लिए उपकरण भी उपलब्ध होंगे। विवादों को उनकी प्रकृति के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा, जैसे कि वेतन विवाद, अनुचित बर्खास्तगी, श्रम विवाद आदि। इससे केस असाइनमेंट और प्रबंधन में स्पष्टता और तेजी आएगी। इसके साथ ही, यह प्रणाली केस की सुनवाई की तारीख और समय निर्धारित करने के लिए एक शेड्यूलिंग सिस्टम भी प्रदान करेगी, जो न्यायालय और पक्षकारों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए काम करेगा।

केस ट्रांसफर और अदालती आदेश होंगे आसान
इस प्लेटफार्म के माध्यम से औद्योगिक न्यायालयों के बीच केस ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा। सभी पक्षों को स्वचालित सूचनाएं प्राप्त होंगी, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केस रिकॉर्ड समय पर अपडेट किए जाएं। इसके अलावा, केस प्रगति के आधार पर स्वचालित आदेश और नोटिस जारी किए जाएंगे, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

डिजिटल ट्रैकिंग और सुरक्षा पर खास जोर
ई-कोर्ट प्लेटफार्म इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक मेल दोनों माध्यमों से सूचनाओं की डिलीवरी की सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही, जारी किए गए दस्तावेजों की ट्रैकिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सूचनाएं सही समय पर पहुंच रही हैं और उन्हें प्राप्त किया जा रहा है। सुरक्षा के लिहाज से इस प्लेटफार्म को मजबूत सुरक्षा उपायों से लैस किया जाएगा, ताकि संवेदनशील जानकारी की पूरी तरह से सुरक्षा हो सके। उपयोगकर्ताओं के लिए एक हेल्प डेस्क और प्रशिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे प्लेटफार्म का सुचारू रूप से उपयोग कर सकें।

रिपोर्टिंग और विश्लेषण की सुविधा
यह प्रणाली न्यायालय के कर्मचारियों और वकीलों के लिए उपयोगकर्ता प्रबंधन की सुविधा भी प्रदान करेगी, जिसमें रोल-बेस्ड एक्सेसिबिलिटी के जरिए प्रोफाइल बनाए जा सकेंगे। साथ ही, यह सिस्टम केस से संबंधित आंकड़ों, प्रोसेसिंग टाइम और बैकलॉग की रिपोर्टिंग भी करेगा, जिससे केस प्रबंधन और रणनीतिक निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

चार चरणों में होगा वाद निस्तारण
ई-कोर्ट प्लेटफार्म के तहत औद्योगिक विवादों के समाधान के लिए चार प्रमुख चरणों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें कोर्ट ऑर्डर और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को स्वचालित बनाया जाएगा, विभिन्न क्षेत्रों में विवादों के प्राथमिकता के आधार पर निपटारे का लक्ष्य रखा जाएगा। सरकार का यह ई-कोर्ट प्लेटफार्म न केवल औद्योगिक विवादों के समाधान की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक माहौल को भी और अधिक आकर्षक और निवेशक-अनुकूल बनाएगा।

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