UP News : योगी सरकार महाकुंभ को बनाएगी दिव्य और भव्य, 211.08 करोड़ की तीन परियोजनाओं को मिली हरी झंडी

योगी सरकार महाकुंभ को बनाएगी दिव्य और भव्य, 211.08 करोड़ की तीन परियोजनाओं को मिली हरी झंडी
UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Jul 08, 2024 23:38

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति की 55वीं बैठक में, नमामि गंगे मिशन के तहत प्रयागराज महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से जुड़े बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को, महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में मंजूरी दी गई, जिनकी कुल लागत 211.08 करोड़ रुपये है।

Jul 08, 2024 23:38

Short Highlights
  • परियोजनाओं की कुल लागत 211.08 करोड़ रुपये
  • स्वच्छता सुविधाओं के लिए बनेंगे 54400 शौचालय
  • आईआईटी संस्थानों को जोड़ा जाएगा परियोजना से 
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2025 के महाकुंभ को शानदार और यादगार बनाने के लिए नियमित रूप से सभी विभागों से कार्य प्रगति की जानकारी ले रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति की 55वीं बैठक में नमामि गंगे मिशन के तहत प्रयागराज महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से जुड़े बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में मंजूरी दी गई।  इनकी कुल लागत 211.08 करोड़ रुपए है। उत्तर प्रदेश के देवबंद में इंटरसेप्शन और डायवर्जन तथा एसटीपी कार्यों के लिए 134.71 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति मिली है, जबकि लखनऊ के बरिकला में एसटीपी की क्षमता बढ़ाने के लिए 27.02 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी गई है।

स्वच्छता के लिए बनाए जाएंगे शौचालय
योगी सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए स्वच्छता संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 152.37 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस परियोजना के अंतर्गत 54,400 शौचालय तथा एक प्राथमिक ठोस अपशिष्ट संग्रह प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इसका उद्देश्य अस्थायी स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण कर महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त सुविधाएं देने के साथ ही आयोजन के दौरान स्वच्छता और नदी के जल की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।

नालों के पानी को नदियों में जाने से रोका जायेगा 
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से निकलने वाले 22 नालों को पूरी तरह से टैप करने के लिए 55.57 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इन नालों से निकलने वाले सीवेज को रोककर उसका पूरी तरह उपचार करना है, ताकि महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों की स्वच्छता और प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। महाकुंभ 2025 के दौरान सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर और नदी के पानी की गुणवत्ता पर अस्थायी आबादी के प्रभाव का अध्ययन करने और नदियों के किनारे भविष्य में होने वाले ऐसे सामूहिक आयोजनों के लिए बेहतर रणनीति विकसित करने के लिए 3.14 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली आईपीएसए-कुंभ (IPSA-Kumbh) परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। यह परियोजना रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सीवेज बुनियादी ढांचे की निगरानी और प्रबंधन करेगी, जिससे गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी। इस वैज्ञानिक अध्ययन को नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आईआईटी रुड़की, आईआईटी-बीएचयू, टेरी और होक्काइडो विश्वविद्यालय सहित प्रमुख संस्थानों के एक संघ द्वारा संचालित किया जाएगा।

सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को किया जायेगा मजबूत 
प्रदेश के देवबंद में इंटरसेप्शन और डायवर्जन और एसटीपी कार्यों के लिए 134.71 करोड़ रुपए की परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। इस परियोजना का लक्ष्य स्थानीय जल निकायों को प्रदूषण से बचाना और सीवेज को नियंत्रित करना है। इसके अलावा, लखनऊ के बारीकला में 1 एमएलडी एसटीपी की क्षमता को बढ़ाकर 3.5 एमएलडी करने के लिए 27.02 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दी गई है। यह सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन तीर्थयात्रियों को स्वच्छ गंगा जल उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। 

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