यूपी में नए कॉलेज-पाठ्यक्रम शुरु करने के लिए समय सारिणी निर्धारित : 16 दिसंबर से भूमि अभिलेखों का होगा सत्यापन

16 दिसंबर से भूमि अभिलेखों का होगा सत्यापन
UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 16, 2024 19:22

सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए बीएड पाठ्यक्रम के अतिरिक्त नए महाविद्यालयों और संस्थानों की स्थापना और मौजूदा कॉलेजों में नए स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए सरकार ने समय सारिणी निर्धारित कर दी है।

Oct 16, 2024 19:22

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए बीएड पाठ्यक्रम के अतिरिक्त नए महाविद्यालयों और संस्थानों की स्थापना और मौजूदा कॉलेजों में नए स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए सरकार ने समय सारिणी निर्धारित कर दी है। नए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरुआत के लिए सभी विश्वविद्यालयों को 15 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन जमा करने का निर्देश दिया गया है। इसमें भूमि अभिलेखों के सत्यापन और निरीक्षण प्रक्रियाओं के लिए भी समयसीमा तय की गई है।

इस दिन जारी होगा एनओसी
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने घोषणा की कि 16 दिसंबर 2024 से 20 जनवरी 2025 तक भूमि अभिलेखों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। जिलाधिकारियों को एक हफ्ते के भीतर आवेदन भेजने का प्रावधान किया गया है, और एक महीने के अंदर सत्यापन रिपोर्ट संबंधित विश्वविद्यालय को ऑनलाइन भेजी जाएगी। 31 जनवरी 2025 तक अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी ऑनलाइन जारी किया जाएगा।



दस फरवरी अपील की अंतिम तिथि
अगर किसी संस्था को विश्वविद्यालय के निर्णय के खिलाफ अपील करनी हो, तो उसे 10 फरवरी 2025 तक राज्य सरकार में अपील कर सकते हैं। इन अपीलों का निपटारा 20 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। निरीक्षण मण्डल के गठन के लिए आवेदन 28 फरवरी 2025 तक किया जा सकेगा, और 5 मार्च 2025 तक निरीक्षण मण्डल का गठन होगा। 5 अप्रैल 2025 तक निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना है, और सम्बद्धता 20 अप्रैल 2025 तक प्रदान की जाएगी। सम्बद्धता से संबंधित अपीलें 31 मई 2025 तक निपटाई जाएंगी।

भूमि अभिलेखों का सत्यापन
शासन के आदेशानुसार, सभी राज्य विश्वविद्यालयों को भूमि अभिलेखों का सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें खतौनी, संयुक्तता प्रमाण पत्र और स्थलीय सत्यापन शामिल हैं। यदि कोई आपत्ति अनुचित पाई गई, तो इसे तत्काल खारिज किया जाएगा। निरीक्षण मण्डल के गठन में विशेषज्ञों और सदस्य सचिव की उपस्थिति अनिवार्य होगी। निरीक्षण की तिथि निर्धारित कर उसे पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। अगर निर्धारित तिथि पर निरीक्षण नहीं हुआ, तो आवेदन निरस्त किया जा सकता है। पैनल सदस्यों की कार्य प्रणाली और पारदर्शिता का वार्षिक मूल्यांकन भी किया जाएगा। सरकार द्वारा गठित एक समिति निरीक्षण मण्डल की रिपोर्ट की समीक्षा और सत्यापन करेगी, ताकि प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।

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