अपर निदेशक सेवायोजन पीके पुंडीर ने बताया की इस्राइल में काम करने के लिए एक बड़ी चुनौती भाषा होती है, क्योंकि वहां हिब्रू प्रमुख भाषा है, जो कामगारों के लिए सीखना कठिन हो सकता है। ऐसे में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कामगारों को पर्याप्त अंग्रेजी सिखाई जाए।
यूपी सरकार का कौशल विकास कार्यक्रम : इस्राइल जाने वाले कामगारों को आरपीएल प्रशिक्षण, सिखाई जाएगी अंग्रेजी भाषा
Sep 24, 2024 18:18
Sep 24, 2024 18:18
इस्राइल में काम के बढ़ते अवसर
इस्राइल की "पॉपुलेशन, इमीग्रेशन और बॉर्डर अथॉरिटी" (पीआईबीए) ने 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच फेम वर्क, शटरिंग कारपेंटर और सिरेमिक टाइल के श्रमिकों की मांग की है। पहले चरण में करीब पांच हजार कामगारों को इस्राइल भेजा गया था, और अब दूसरे चरण में दस हजार नए कामगारों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस भर्ती के तहत चयनित श्रमिकों को न्यूनतम 1.37 लाख रुपये मासिक वेतन के साथ अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक बड़ा अवसर है।
कौशल विकास और प्रमाणन
कामगारों को केवल उनके कौशल के आधार पर नहीं, बल्कि उन्हें और अधिक पेशेवर बनाने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के तहत 30 घंटे का "रिकगनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग" (आरपीएल) प्रशिक्षण शामिल है, जिसे पूरा करने के बाद कामगारों को उनके कौशल का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र न केवल उन्हें उनके काम के लिए मान्यता देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके अनुभव और क्षमता को भी प्रदर्शित करेगा।
रिकगनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग का उद्देश्य
आरपीएल का उद्देश्य कामगारों के पहले से मौजूद कौशल और अनुभव को पहचानना है। इसमें उन कामगारों को शामिल किया जाता है जो पहले से किसी क्षेत्र में कुशल हैं, लेकिन उन्हें औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। यह प्रक्रिया कामगारों को उन चीजों को दोबारा सीखने से बचने में मदद करती है जिन्हें वे पहले से जानते हैं। इस प्रमाणन प्रक्रिया के तहत कामगार अपने पहले से अर्जित कौशल के आधार पर मान्यता प्राप्त करते हैं, जिससे उनके रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है।
अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण
अपर निदेशक सेवायोजन पीके पुंडीर ने बताया की इस्राइल में काम करने के लिए एक बड़ी चुनौती भाषा होती है, क्योंकि वहां हिब्रू प्रमुख भाषा है, जो कामगारों के लिए सीखना कठिन हो सकता है। ऐसे में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कामगारों को पर्याप्त अंग्रेजी सिखाई जाए, ताकि वे काम के दौरान सामान्य बातचीत कर सकें और विभिन्न प्रकार के कार्यों को सही तरीके से समझ सकें। इसके लिए प्रत्येक जिले में नोडल आईटीआई केंद्रों में अंग्रेजी बोलने के कोर्स शुरू किए गए हैं। कामगारों को उनके कार्य से संबंधित शब्दावली और सामान्य बोलचाल की अंग्रेजी सिखाई जा रही है, जिससे वे आसानी से संवाद कर सकें।
पंजीकरण प्रक्रिया
अपर निदेशक सेवायोजन पीके पुंडीर ने बताया की अंग्रेजी प्रशिक्षण का मूल्यांकन प्रक्रिया चल रही है। इस आकलन के बाद आरपीएल ट्रेनिंग भी शुरू की जाएगी। अंग्रेजी सिखाने की यह पहल यूपी सरकार की एक अनूठी योजना है, जो कामगारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद करेगी। कामगारों की इस योजना में भारी उत्साह देखने को मिला है। 21 सितंबर को इस्राइल जाने के इच्छुक कामगारों के लिए पोर्टल खोला गया था, और महज तीन दिनों के भीतर 6200 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश के कामगार इस अवसर का लाभ उठाने के लिए बेहद उत्सुक हैं। वे बेहतर रोजगार और वेतन के अवसरों के लिए इस योजना में भाग लेने के इच्छुक हैं।
रोजगार के नए अवसर
सरकार की यह योजना न केवल कामगारों के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस पहल से राज्य के कामगारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपने परिवार और अपने जीवन स्तर को सुधारने में सक्षम होंगे। साथ ही, यह पहल राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामगारों की मांग को पूरा करने में सहायक साबित होगी।
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