डब्ल्यूएचओ ने मंकी पॉक्स को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी कर अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
यूपी में मंकी पॉक्स के नए वैरिएंट का हाई अलर्ट : डब्ल्यूएचओ ने बताया ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी, देखे लक्षण और बचाव के तरीके
Sep 28, 2024 16:59
Sep 28, 2024 16:59
राज्यों को एडवाइजरी जारी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी कर मंकी पॉक्स को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। विशेष रूप से यूपी सहित सभी राज्यों के एंट्री प्वाइंट पर एक चिकित्सा इकाई को चिन्हित करें और वहां ट्रांजिट आइसोलेशन फैसिलिटी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर इस बीमारी से बचाव के कई उपाय सुझा रहे हैं। आइए जानते हैं डॉक्टरों की राय और मंकी पॉक्स से बचाव के तरीके।
लक्षणों में भ्रम की स्थिति
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह के अनुसार, मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो खांसने, छींकने, शारीरिक संपर्क और संक्रमित कपड़े पहनने से फैल सकती है। इसके लक्षणों की वजह से कई लोग इसे चिकन पॉक्स, खसरा या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं से जोड़ लेते हैं, जबकि इसमें मुख्य रूप से दाने, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। इसके साथ ही, कमजोरी भी महसूस होती है।
मस्तिष्क तक वायरस पहुंचने से जटिलताएं
लोकबंधु अस्पताल के डॉ. एके त्रिपाठी का कहना है कि मंकी पॉक्स सामान्यतः दो से तीन हफ्तों में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में वायरस मस्तिष्क तक पहुंचकर दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) का कारण बन सकता है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन अरुण ने बताया कि लखनऊ में अब तक मंकी पॉक्स का कोई मामला नहीं मिला है, और सरकार से भी इस विषय में कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। जैसे ही कोई निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
मंकी पॉक्स से बचाव के उपाय
- हाथों को साबुन या सैनिटाइज़र से बार-बार धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें और मास्क पहनें।
- अपनी त्वचा को सूखा और खुला रखें, हवादार जगह में रहें।
- बेकिंग सोडा के पानी से नहाने से आराम मिल सकता है।
- अगर किसी मरीज की देखभाल करनी हो तो पीपीई किट का प्रयोग करें।
डॉक्टरों ने बताया मंकी पॉक्स संक्रामक बीमारी है, यह एक डबल स्टैंडर्ड डीएनए वायरस है, जिसे ऑर्थोपॉक्स वायरस समूह का हिस्सा माना जाता है। इस वायरस की पुष्टि पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट के माध्यम से की जाती है।
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