टीबी मरीजों की पहचान कर बेहतर इलाज देने में यूपी देश में टॉप पर है। प्रदेश सरकार को इस साल 6.5 लाख मरीजों खोजने का लक्ष्य मिला था। इनमें अक्टूबर तक 86 प्रतिशत टीबी रोगियों की पहचान कर ली गई।
UP News : टीबी मरीज खोजने में यूपी देश में अव्वल, अक्टूबर तक 86 प्रतिशत रोगी चिह्नित
Nov 03, 2024 18:33
Nov 03, 2024 18:33
अक्टूबर तक 5.59 लाख टीबी मरीजों की पहचान
विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को साल की शुरुआत में टीबी मरीजों की पहचान करने का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था। बीते साल यह 5.5 लाख का था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 अक्टूबर तक प्रदेश में 5.59 लाख टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें प्राइवेट डाॅक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाॅक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट डाक्टरों ने सरकारी डाॅक्टरों से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर व बरेली में सरकारी व प्राइवेट नोटिफिकेशन बराबर का रहा है।
टीबी मुक्त प्रदेश के लिए युद्धस्तर पर चल रहा काम
राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी का नजीजा है कि इस साल भी प्रदेश टीबी मरीजों को खोजने में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चल रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं। इनमें हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान का बार-बार चलाया जाना प्रमुख है। यही कारण है कि बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन किया था। वर्ष 2023 में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य 5.5 लाख था। जिसके सापेक्ष प्रदेश ने 6.33 लाख मरीज खोजे थे।
इन जनपदों में प्राइवेट डॉक्टरों का सहयोग कमजोर
टीबी उन्मूलन के लिए प्रदेश में ज्यादातर जनपदों में प्राइवेट डाॅक्टर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं लेकिन कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बहुत कम हो रहा है। जैसे श्रावस्ती में इस साल सिर्फ 38 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इसके अलावा महोबा में सिर्फ 215, संतरवीदास नगर में 271, हमीरपुर में 277, कन्नौज में 293, सोनभद्र में 297, चित्रकूट में 312, सुलतानपुर में 370, अमेठी में 392 और कानपुर देहात में सिर्फ 395 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाॅक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।
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