मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का परिणाम है कि प्रदेश में "परिवार नियोजन लॉजिस्टिक प्रबंधन सूचना प्रणाली" ने परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता में सुधार किया है।
UP News : एफपी-एलएमआईएस प्रणाली लागू करने में यूपी देश में अव्वल
Jul 06, 2024 18:43
Jul 06, 2024 18:43
- यूपी में परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरूकता
- परिवार नियोजन सेवाओं में एफपी-एलएमआईएस की अहम भूमिका
एफपी-एलएमआईएस प्रणाली लागू करने में यूपी अव्वल
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ.पिंकी जोवल ने बताया कि एफपी-एलएमआईएस प्रणाली ने परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता और पहुंच को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। यह पहल न केवल वर्तमान में प्रभावी है, बल्कि भविष्य में भी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आशा द्वारा एफपी-एलएमआईएस को लागू करने में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा।
परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता में सहायक
परिवार कल्याण कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यान्शु ओझा ने जानकारी दी कि एफपी-एलएमआईएस एक डिजिटल प्रणाली है, जो स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य वितरण केंद्रों के बीच परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति करने में सहायक है। इसे राष्ट्रीय तकनीकी सहयोग इकाई, परिवार नियोजन प्रभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने वर्ष 2017 में निर्मित किया था। इसे वर्ष 2018 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य सही समय और सही स्थान पर आवश्यक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना था, जिससे स्थानीय जरूरतों को पूरा करने में सहयोग मिल सके।
पोर्टल से साधनों की समय से आपूर्ति
प्रदेश के एफपी-एलएमआईएस सलाहकार मोहम्मद काशिफ ने बताया कि एफपी-एलएमआईएस का उपयोग करके सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन साधनों की समय से आपूर्ति सुनिश्चित होती है। इस पोर्टल से मांग और आपूर्ति के आंकड़े आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे अनावश्यक भंडारण और कमी की समस्याओं का समाधान होता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने मोबाइल पर इस पोर्टल से प्रत्येक स्तर पर प्रशिक्षण दे रहें है।
आधुनिक साधनों की बढ़ रही मांग
- प्रदेश में एफपी-एलएमआईएस पोर्टल के लॉन्च के बाद से परिवार नियोजन साधनों की कमी की समस्या में काफी सुधार हुआ है। वर्तमान में स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन साधन उपलब्ध हैं। इस प्रणाली ने स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को स्टॉक की स्थिति को समय में ट्रैक करने में मदद की है, जिस कारण वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2023-24 में परिवार नियोजन साधनों का वितरण बड़े पैमाने पर किया गया है।
- लखनऊ एसीएमओ प्रजनन स्वास्थ्य डॉ. बीएन यादव ने बताया कि "एलएमआईएस ने हमारे काम को बहुत आसान बना दिया है। अब अस्पतालों में परिवार नियोजन साधनों की कमी नहीं रहती।"नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल अनमेट नीड (दंपति बच्चे नहीं चाहते और कोई भी परिवार नियोजन का साधन नहीं अपना रहे) 12.9 प्रतिशत है, जबकि अंतराल विधियों की अनमेट नीड 4.8 प्रतिशत है। एनएफएचएस-4 में कुल अनमेट नीड 18.1 प्रतिशत और अंतराल विधियों की अनमेट नीड 6.8 प्रतिशत थी। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश में परिवार नियोजन साधनों की मांग बढ़ रही है।
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