यूपीपीसीएल में अभियंताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होने को विभिन्न संगठनों ने उत्पीड़न करार दिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कई संगठनों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इसकी शिकायत की हैं। वहीं उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्रवाई को गलत करार दिया है।
UPPCL : प्रबंधन कर रहा अभियंताओं-कर्मचारियों का उत्पीड़न! बढ़ रहा आक्रोश, सीएम योगी से हस्तक्षेप की अपील
Dec 27, 2024 07:28
Dec 27, 2024 07:28
एटीएंडसी हानियां 41 प्रतिशत से 17 फीसदी लाने में सफल
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा कि उनके नेतृत्व में बिजली व्यवस्था के सुधार में लगातार प्रयत्नशील हैं। बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए संघर्ष समिति ने विगत वर्षों में कई कार्यशाला विभिन्न जनपदों में आयोजित की है। इन कार्यशालाओं के जरिए बिजली कर्मियों को सुधार के लिए उत्प्रेरित और प्रशिक्षित किया गया। इसके लगातार अच्छे परिणाम आ रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि इसकी बदौलत मार्च 2017 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार बनी तब एटीएंडसी हानियां 41 प्रतिशत थीं। बिजली कर्मियों ने प्रयास कर इसे वर्ष 2023-24 में 17 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में बिजली कर्मी राष्ट्रीय मानक 15 प्रतिशत से कम एटीएंडसी हानियां करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
ओटीएस स्कीम को सफल बनाने में जुटे हैं बिजली कर्मी, प्रबंधन पर धमकाने का आरोप
संघर्ष समिति ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में विगत 15 दिसंबर से एकमुश्त समाधान योजना (OTS) का काम प्रारम्भ हुआ है। इस कार्य को सफल बनाने के लिए बिजली कर्मी दिन-रात लगे हुए हैं। लेकिन, खेद का विषय है कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम तथा पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अनावश्यक तौर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विद्युत अभियंताओं और कर्मचारियों को धमका रहे हैं। इतना ही नहीं तो बड़े पैमाने पर अभियंताओं और कर्मचारियों को अकारण निलंबित किया जा रहा है और तरह-तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। इससे एक मुश्त समाधान योजना के काम में लगे बिजली कर्मियों का मनोबल टूट रहा है और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बन रहा है, जिसकी सारी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन की है।
सीएम योगी से अनावश्यक उत्पीड़न बंद करने को हस्तक्षेप की अपील
संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिससे पावर कारपोरेशन प्रबंधन बिजली कर्मियों का अनावश्यक उत्पीड़न बंद करे और वह व्यवस्था के सुधार में पूरी एकाग्रता से जुटे रह सकें। इनमें प्रमुख रूप से उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर, विद्युत मजदूर पंचायत, उप्र के महामंत्री गिरीश कुमार पांडेय, उप्र बिजली कर्मचारी संघ के मुख्य महामंत्री महेन्द्र राय, उप्र बिजली मजदूर संगठन के महामंत्री सुहैल आबिद, हाईड्रो इलेक्ट्रिक इम्प.यू. उप्र के प्रमुख महामंत्री पी के दीक्षित, उप्र विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद घिल्डियाल, रा.वि.प.प्राविधिक कर्मचारी संघ, उप्र के केंद्रीय महासचिव मोहम्मद वसीम, विद्युत कार्यालय सहायक संघ, उप्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेन्द्र कुमार, उप्र रा. वि.प. श्रमिक संघ के अध्यक्ष पीएस बाजपेयी, विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन, उप के प्रांतीय अध्यक्ष छोटे लाल दीक्षित, यूपी बिजली इम्प.यू. उप्र (सीटू) के महामंत्री विशम्भर सिंह, विद्युत पैरामेडिकल एसोसिएशन के महामंत्री जी.पी.सिंह, विद्युत मजदूर संगठन उप्र के अध्यक्ष आरवाई शुक्ला, विद्युत कार्यालय कार्मिक संघ उप्र के प्रान्तीय महामंत्री राम सहारे वर्मा, बिजली मजदूर यूनियन उप्र (एचएमएस) के महामंत्री रफीक अहमद और उप्र पावर कारपोरेशन निविदा-संविदा कर्मचारी संघ लखनऊ के महामंत्री देवेन्द्र पाण्डेय शामिल हैं।
दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता निराशा
इसी तरह यूपी पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने भी पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर अभियंताओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। संगठन ने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना (OTS) के नाम पर जिस प्रकार से बिजली कंपनियों में अभियंताओं के निलंबन की घोषणा की गई और पूर्वांचल में तीन अधिशासी अभियंता निलंबित भी किए गए, उससे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता निराशा हैं। एक तरफ ऊर्जा मंत्री एकेशर्मा कहते हैं कि 973000 लोगों के ओटीएस में लाभ लेने से 703 करोड़ का राजस्व मिला। वहीं दूसरी ओर पावर कारपोरेशन प्रबंधन निलंबन की कार्रवाई करता है। दो दोनों बातें आपस में विरोधाभासी हैं।
इस माहौल में नहीं लाए जा सकते अच्छे नतीजे
एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, प्रभाकर और अजय कुमार ने कहा कि सभी बिजली कंपनियों में वर्तमान में भय का माहौल है। ऐसे में रिजल्ट अच्छे नहीं लिए जा सकते। इसलिए सभी बिजली कंपनियों में स्वस्थ परंपरा के तहत किसी भी योजना में कम से कम सफलता प्राप्त करने के लिए एक महीने का समय दिया जाना आवश्यक है।
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