UP News : मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज समाप्त, नगरीय इलाकों में बनेंगे हाट

मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज समाप्त, नगरीय इलाकों में बनेंगे हाट
UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Jul 17, 2024 01:01

उत्तर प्रदेश की मंडियों में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज समाप्त करने के साथ ही मंडी परिषद में ई-ऑक्शन प्रणाली लागू की जाएगी। वहीं, फसलों को रोग मुक्त बनाने के लिए चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।

Jul 17, 2024 01:01

Short Highlights
  • मंडी परिषद में भी लागू होगी ई-ऑक्शन प्रणाली
  • चारों कृषि विश्वविद्यालयों में स्थापित होंगे टिशू कल्चर लैब
  • सीएम योगी ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद की बैठक में किए कई अहम फैसले
Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की मंडियों में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज समाप्त करने फैसला किया है। साथ ही मंडी परिषद में ई-ऑक्शन प्रणाली लागू की जाएगी। वहीं, फसलों को रोग मुक्त बनाने के लिए चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा नगरीय क्षेत्रों में भी हाट-पैठ बनाए जायेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 170वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं।

खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज खत्म
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज लिए जाने की व्यवस्था है। व्यापारियों के हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यापारी वर्ष भर में मंडी की दुकान से जितने मूल्य के खाद्य तेलों का व्यापार करे। न्यूनतम उतने ही मूल्य के कृषि उत्पाद, जिन पर मण्डी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता है, तो उनसे खाद्य तेल पर यूजर चार्ज न लिया जाए। उन्होंन कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों में विभिन्न विभागीय सम्पत्तियों की नीलामी को शुचितापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए 'मैनुअल के स्थान पर ई-ऑक्शन'व्यवस्था लागू किया जाए। फसलों की सुरक्षा के लिए मंडियों में कोल्ड रूम तैयार कराया जाए। इससे किसान अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेंगे।

नगरीय क्षेत्रों में भी बनाए जाएंगे हाट-पैठ
सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण अंचलों के अतिरिक्त नगरीय क्षेत्रों में भी हाट-पैठ निर्माण कराये जाने की मांग की जाती रही है। नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाए जाएं। नए अधिसूचित नगरीय निकायों को प्राथमिकता दें। हाट-पैठ बनने के बाद संबंधित मंडी समिति द्वारा इसे नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को हस्तान्तरित कर दिया जाए। हाट-पैठ के संचालनख, अनुरक्षण, साफ-सफाई और परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संबंधित नगरीय निकाय का होगा।

चारों कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बनेंगी टिशू कल्चर प्रयोगशाला
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंडी समिति द्वारा कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या), बांदा एवं कानपुर में छात्रावास तैयार कराया गया है। वर्तमान में कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) एवं बांदा में छात्रावास निर्माणाधीन है। इसी प्रकार, कृषि विश्वविद्यालय मेरठ, कानपुर, बांदा में एक-एक छात्रावास का निर्माण कराया जाए और कुमारगंज (अयोध्या) में निर्माणाधीन छात्रावास की क्षमता 100 से बढ़ाकर 150 की जाए। फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी। इसी प्रकार, रायबरेली में एक उद्यान महाविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। इस संबंध में संभावनाओं का अध्ययन कराएं। शोध-अनुसंधान की नई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।

2023-24 में मंडी परिषद को हुई लगभग ₹1862 करोड़ की आय
सीएम योग ने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां ₹1553 करोड़ की आय हुई थी, वहीं 2023-24 में लगभग ₹1862 करोड़ की आय हुई। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में लगभग ₹400 करोड़ का राजस्व संग्रहीत हो चुका है। मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है। यह राजस्व किसानों के हित में ही व्यय किया जाए। उन्होंन कहा कि नव स्थापित प्रसंस्करण इकाई को मंडी शुल्क से छूट देने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाना चाहिए। वर्तमान में इकाई स्थापना के दिनांक से छः माह के भीतर मंडलायुक्त के समक्ष आवेदन करना होता है, जिसे मंडलायुक्त द्वारा रिपोर्ट के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को भेजा जाता है। इस व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए इकाई द्वारा आवेदन सीधे जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष ही किया जाए और जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा अगले 07 दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेज दिया जाए। 

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