प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। इस क्रम में जल जीवन मिशन...
Jal Jeevan Mission : ईएमबी सॉफ्टवेयर से 100 प्रतिशत बिलिंग करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश
Feb 09, 2024 14:52
Feb 09, 2024 14:52
- पहले 41 दिन में होती थी बिलिंग, अब लगते हैं मात्र 14 दिन
- रोजाना 140 करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा पेमेंट
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने जल जीवन मिशन ने लगाई लंबी छलांग
41 दिन में होने वाली बिलिंग अब मात्र 14 दिन में होती
इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिलिंग सिस्टम लागू होने से पहले जल जीवन मिशन के तहत काम करने वाली कंपनियों को पेमेंट होने में कम से कम 41 दिन का समय लगता था। जिसकी वजह से मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी थी परन्तु अब ईएमबी के तहत पेमेंट होने से कंपनियों को महज 14 दिन में बिलिंग हो जाती है। कम समय में बिलिंग होने की वजह से जल जीवन मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी तेज हुई है।
ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगा रहा ईएमबी
सरकारी विभागों में बिलिंग में भ्रष्टाचार की अक्सर शिकायतें आती हैं। मगर जल जीवन मिशन में ईएमबी के जरिए बिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बिलिंग में होने वाले भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बेवजह फाइल को लटका नहीं सकता है। साथ ही पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से अधिकारी किसी भी पेमेंट की फाइल को मॉनीटर भी कर सकता है। जल निगम ग्रामीण के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए जल निगम (ग्रामीण) ने जल जीवन मिशन में बिलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया है। इससे मिशन के तहत होने वाले कामों की रफ्तार तेज हुई है। वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है।
ऐसे काम करता है ईएमबी
इस सॉफ्टवेयर के जरिए जल जीवन मिशन में काम करने वाली कंपनी काम पूरा होने के बाद एक बिल सभी मेजरमेंट के साथ ऑनलाइन ईएमबी पर अपलोड करती है। कंपनी द्वारा बिल अपलोड करने के बाद कंपनी द्वारा दिए गए सभी आंकड़ों की जांच कर जूनियर इंजीनियर बिल पर अपने कमेंट लिखता है। इसके बाद ये फाइल असिस्टेंट इंजीनियर के पास जाती है। वो भी अपने कमेंट बिल पर देता है। इसके बाद थर्ड पार्टी अपना अप्रूवल देती है। इसके बाद अधिशासी अभियंता सभी तथ्यों की जांच कर फाइल को ऑनलाइन ही फाइनेंस के पास भेज देता है। इसके बाद फाइनेंस अधिकारियों की जांच के बाद कंपनी को पेमेंट कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 14 दिन का अधिकतम समय लगता है।
आंकड़े बताते हैं कैसे हर घर नल योजना की रफ्तार बढ़ा रहा ईएमबी
- रोजाना 140 करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा पेमेंट
- पहले महीने में बमुश्किल 1000 करोड़ रुपये का पेमेंट हो पाता था
- अब हर महीने औसतन 4000 से 5000 करोड़ रुपये का होता है पेमेंट
- जल जीवन मिशन में पूरी तरह से ईएमबी लागू करने वाला उत्तर प्रदेश बना देश का पहला
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