उत्तर प्रदेश में 24 जिलों को बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने और आपस में बेहतर समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया।
यूपी में 24 जिले अतिसंवेदनशील : बाढ़ से निपटने के लिए अलर्ट मोड, सीएम योगी बोले- कोऑर्डिनेशन और क्विक एक्शन जरूरी
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Jul 02, 2024 00:58
Jul 02, 2024 00:58
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में 24 जिलों को बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रबंधन की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने और आपस में बेहतर समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया।
इन जिलों में खतरा ज्यादा
प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। इसके अलावा सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।
मंत्री और राज्य मंत्री खुद कमान संभालेंगे
मुख्यमंत्री ने बेहतर समन्वय और त्वरित कार्रवाई पर जोर देते हुए मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को स्वयं कमान संभालने के निर्देश दिए हैं। जल शक्ति मंत्री और राज्य मंत्रियों को क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने को कहा गया है। बाढ़ राहत शिविरों में ताजा भोजन और गुणवत्तापूर्ण राहत सामग्री उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
बेहतर तालमेल पर जोर
केंद्रीय एजेंसियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया है। किसानों की फसल खराब होने की स्थिति में तत्काल क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं और पशु सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार की इन पहलों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन की उम्मीद है, जिससे नागरिकों को त्वरित और पर्याप्त सहायता मिल सके।
समय से पहले ही तैयारियां शुरू
बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2024 की बाढ़ से निपटने के लिए समय से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 17 अतिसंवेदनशील जिलों के 37 तटबंधों का अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं और बाढ़ से होने वाली जन-धन की हानि में कमी आई है। बैठक में निर्देश दिए गए कि नदी के किनारे बसे आवासीय इलाकों और खेती की सुरक्षा में नदियों का चैनेलाइजेशन उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अम्बेडकर, बलरामपुर, बाराबंकी, सीतापुर और श्रावस्ती में जारी ड्रेनेज एवं चैनेलाइजेशन की परियोजनाओं को समय से पूरा कराएं। जो सिल्ट निकले उसका सदुपयोग किया जाए।
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