पिछले अंतरिम बजट में, उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों और शुल्कों से 218,816.84 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अतिरिक्त, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए...
उत्तर प्रदेश के विकास को नई दिशा : पिछले बजट की उपलब्धियों से इस बार और बड़ी उम्मीदें
Jul 23, 2024 13:32
Jul 23, 2024 13:32
- मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश किया गया
- उद्योग जगत से भी इस संबंध में प्रतिक्रियाएं आईं
अंतरिम बजट में क्या मिला था?
अंतरिम बजट में निर्धारित राशि में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, लखपति दीदी कार्यक्रम, और नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। पिछले अंतरिम बजट में, उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों और शुल्कों से 218,816.84 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अतिरिक्त, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 90,000 करोड़ रुपये, केंद्रीय योजनाओं के लिए 7,000 करोड़ रुपये, विकसित भारत योजना के तहत 14,000 करोड़ रुपये, और विशेष सहायता के रूप में 17,939 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
नए बजट में कुल 3.80 लाख करोड़ का अनुमान
नए बजट में, उत्तर प्रदेश को विकास कार्यों के लिए कुल 3.80 लाख करोड़ रुपये तक मिलने का अनुमान है। यह राशि केंद्रीय करों, सहायता प्राप्त योजनाओं, केंद्रीय योजनाओं और विशेष सहायता के रूप में प्राप्त होगी। केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में धार्मिक पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचा, सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली, MSME क्षेत्र का विकास, और कृषि क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। इन योजनाओं से उत्तर प्रदेश को विशेष लाभ होने की आशा है। विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि बजट से अलग-अलग अपेक्षाएं रखते हैं। उद्योग जगत कर राहत और सस्ते ऋण की मांग कर रहा है।
स्वास्थ्य जगत में जताई गई उम्मीदें
उद्योग जगत से भी इस संबंध में प्रतिक्रियाएं आईं। सीआईआई यूपी चैप्टर की अध्यक्ष स्मिता अग्रवाल ने रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और स्वदेशी उत्पादन के लिए आवंटन में वृद्धि की आशा व्यक्त की। साथ ही, विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन और अनुपालन प्रक्रियाओं के सरलीकरण की भी मांग की। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी अपनी अपेक्षाएं रखी हैं। सीआईआई की उपाध्यक्ष डॉ. उपासना अरोड़ा ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और चिकित्सा अनुसंधान में निवेश बढ़ाने की उम्मीद जताई।
युवाओं और किसानों की ओर से भी कई सुझाव आए हैं। स्नातक छात्रों के लिए ब्याज मुक्त ऋण, किसानों के लिए खाद-बीज की आसान उपलब्धता और कृषि उपज का उचित मूल्य प्रमुख मांगों में शामिल हैं।
पिछले केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश को विकास योजनाओं के लिए एक विशाल कोष प्राप्त हुआ था, जिसने राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊर्जा प्रदान की। लगभग 21 लाख करोड़ रुपये की यह राशि विभिन्न क्षेत्रों में वितरित की गई, जिसमें रेहड़ी-पटरी व्यापारियों के लिए ऋण सुविधा, प्रधानमंत्री जन धन योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना प्रमुख थीं।
ये घोषणाएं लाभदायक रहीं
पिछले बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं जो उत्तर प्रदेश के लिए लाभदायक साबित हुईं। इनमें 40 लाख महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, प्रयागराज और नैमिषारण्य का आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकास, 5000 इलेक्ट्रिक बसों का अनुबंध, और रक्षा गलियारे में 3000 करोड़ रुपये का नया निवेश शामिल था। वित्तीय आवंटन के मामले में, उत्तर प्रदेश को कुल 3.61 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसमें केंद्रीय करों से 2.18 लाख करोड़ रुपये, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये, विशेष सहायता के रूप में 0.18 लाख करोड़ रुपये, और अतिरिक्त राज्यांश के रूप में 0.15 लाख करोड़ रुपये शामिल थे।
इन आवंटनों का प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश का हिस्सा लगभग 15,000 करोड़ रुपये बढ़ा, जिससे राज्य के नागरिकों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई। इस वर्ष के बजट से विभिन्न क्षेत्रों की अपेक्षाएं और भी बढ़ गई हैं। नौकरीपेशा लोग टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि व्यापारी वर्ग कर दरों में कटौती की आशा लगाए बैठा है।
किसान वर्ग में उत्साह
इसके अलावा किसान वर्ग विशेष रूप से उत्साहित है। उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि में वृद्धि की उम्मीद है। साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विस्तार और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी या जीएसटी में छूट की मांग भी प्रमुखता से उठाई जा रही है। पिछले बजट की सफलता ने इस बार की अपेक्षाओं को और बढ़ा दिया है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार का बजट न केवल पिछले बजट की उपलब्धियों को आगे बढ़ाएगा, बल्कि नए क्षेत्रों में भी विकास के अवसर प्रदान करेगा।
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