बताया जा रहा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। विजिलेंस के अधिकारियों की ओर से इस मामले में फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि टीमें छापेमारी के दौरान दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। आय के स्रोतों और संपत्तियों के बीच किसी भी असंगतता की तलाश की जा रही है
लखनऊ में विजिलेंस की जल निगम के अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी : करोड़ों की अघोषित संपत्ति के दस्तावेज-गहने बरामद
Oct 01, 2024 19:52
Oct 01, 2024 19:52
करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति में निवेश के दस्तावेज बरामद
सर्च ऑपरेशन के दौरान आरोपी अधिकारियों के ठिकानो से करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति में निवेश के दस्तावेज मिलने की बात सामने आई है। मकान, खेती की जमीन, फ्लैट, गाड़ियों के कागजात ठिकानों से बरामद हुए हैं। साथ ही म्यूच्यूअल फंड, बीमा पॉलिसी, पोस्ट ऑफिस और विभिन्न कंपनियों मे निवेश के प्रपत्र मिले हैं। बताया जा रहा है कि विभिन्न बैंक के खाते एवं बैंक लॉकर के प्रपत्र भी हासिल हुए हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान आरोपी अधिकारियों के ठिकानो से भारी मात्रा में ज्वेलरी भी बरामद हुई है। विजिलेंस की टीम ने करीब आठ घंटे तक राजधानी में पांच अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान गोमतीनगर के विशेष खंड और एल्डिंको ग्रीन समेत इंदिरानगर के सेक्टर 19 और सी ब्लाक के साथ विकासनगर के सेक्टर 2 में छापेमारी की गई।
इन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी
जिन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई, उनमें सहायक अभियंता-प्रोजेक्ट मैनेजर राघवेन्द्र कुमार गुप्ता, अधीक्षण अभियंता सत्यवीर सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी, परियोजना प्रबंधक-सहायक अभियंता कमल कुमार खरबंदा और सहायक अभियंता-प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण कुमार पटेल शामिल हैं।
आय से अधिक संपत्ति मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज
आय से अधिक संपत्ति मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इस छापेमारी से जल निगम में हड़कंप मच गया है। यह छापेमारी प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा बताई जा रही है। पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई कार्रवाई देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि छापेमारी में मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विजिलेंस की जांच में जल निगम के तीन अधिकारी आय से अधिक संपत्ति के दोषी
इससे पहले विजिलेंस की जून माह में हुई जांच में यूपी जल निगम के तीन अधिकारियों को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया। इनमें से एक अधिकारी की सेवा अवधि समाप्त हो चुकी है। शासन के आदेश पर इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जून 2020 में शासन द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायतों पर विजिलेंस को खुली जांच करने का निर्देश दिया गया था। इनमें जल निगम की निर्माण इकाई सी एंड डी एस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक कमलेश कुमार केसरी का नाम प्रमुख रूप से सामने आया। इंदिरानगर, लखनऊ के निवासी कमलेश कुमार की आय और खर्च का विस्तृत विश्लेषण किया गया, जिसमें पता चला कि उनकी निर्धारित आय 58.60 लाख रुपये थी, लेकिन उन्होंने 1.78 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जुटाईं और खर्च किया। जांच में पाया गया कि उन्होंने 1.19 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी वैध स्रोत के खर्च की, जिसका वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। इन खुलासों के बाद विजिलेंस विभाग ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ गहन जांच शुरू कर दी है, और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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